नोटबंदी : पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन का बड़ा बयान, बोले मेने नही किया था नोटबंदी का समर्थन

रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने पद छोड़ने के एक साल बाद नोटबंदी पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. राजन ने अपनी किताब में स्पष्ट किया है कि उन्होंने नोटबंदी का समर्थन नहीं किया था. उन्होंने नोटबंदी से होने वाले नुकसान के बारे में पहले ही सरकार को आगाह कर दिया था.

राजन ने अपनी नई किताब ‘आई डू व्हाट आई डू’ (I Do What I Do) में कई छुपे राज खोले आइये जानते है सरकार का सच -:

# कालेधन पर नोटबंधी रही बेअसर. बिना तैयारियों के कालेधन पर काबू नही किया जा सका.

# किताब सरकार से उनके असहज रिश्तों और मतभेदों पर भी रोशनी डालती है. राजन ने स्पष्ट किया कि उनके कार्यकाल के दौरान कभी भी आरबीआई से नोटबंदी पर फैसला लेने को नहीं कहा गया.

# राजन के अनुसार, असहमति जताने के बाद उनसे इस मुद्दे पर नोट तैयार करने को कहा गया. आरबीआई ने नोट तैयार कर सरकार को सौंप दिया. इसके बाद सरकार ने निर्णय करने के लिए समिति बना दी. समिति में आरबीआई की ओर से करेंसी से जुड़े डिप्टी गवर्नर को शामिल किया गया. इसका मतलब संभवत: यह था कि राजन ने स्वयं इन बैठकों में हिस्सा नहीं लिया.

# आरबीआई ने अपने नोट में नोटबंदी के पड़ने वाले प्रभावों, फायदों के बारे में बताया गया. साथ ही सरकार जिन उद्देश्यों को पूरा करना चाहती थी कि उनके वैकल्पिक रास्ते भी बताए गए. इसमें कहा गया कि अगर सरकार नफा-नुकसान पर गौर करने के बाद भी नोटबंदी पर आगे बढ़ना चाहती है तो उसके लिए समय और तैयारियों की जरूरत होगी. यह भी बताया कि बिना तैयारी के क्या नतीजा हो सकता और जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड सकता है.

विपक्ष भी इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरता नजर आता है और न्यायलय ने भी सरकार को अपनी नोटबंदी ले लिए की गई तैयारियों का विवरण देने को कहा है लेकिन मोदी सरकार इन सभी सवालों का कोई स्पष्ठ जवाब नही दे पा रही जो की सरकार के लिए मुसीबतों का पहाड़ खड़ा कर सकता है.