बेंगलूरू। मैसूर सिटी कॉरपोरेशन द्वारा ऐतिहासिक केआरएस रोड के एक हिस्से का नाम बदलकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नाम पर सिद्धारमैया आरोग्य मार्ग रखने के प्रस्ताव ने विवाद खड़ा कर दिया है। 13 दिसंबर को एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया गया था, जिसमें नागरिकों से 30 दिनों के भीतर प्रस्ताव पर अपने विचार साझा करने के लिए कहा गया था।
इस निर्णय की जनता दल (सेक्युलर) ने तीखी आलोचना की है, जिसने इस कदम को निंदनीय बताया है। पार्टी ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार पर मैसूर सिटी कॉरपोरेशन में निर्वाचित परिषद की अनुपस्थिति में नियुक्त अधिकारियों का उपयोग नाम बदलने के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए करने का आरोप लगाया।
जेडीएस की ओर से पोस्ट में कहा गया, मैसूर महानगर निगम में कोई निर्वाचित बोर्ड नहीं है। कांग्रेस की कर्नाटक सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारियों ने सिद्धारमैया का कर्ज चुकाने के लिए सड़क का नाम उनके नाम पर रखने का फैसला किया है।
उन्होंने इस प्रस्ताव को मैसूर की ऐतिहासिक विरासत का अपमान और राज्य के लोगों के साथ विश्वासघात बताया।
जेडीएस की पोस्ट में आगे कहा गया, मुदा का शोषण करने वाले भ्रष्ट मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नाम पर सड़क का नाम बदलना न केवल ऐतिहासिक शहर मैसूर का अपमान है, बल्कि पूरे राज्य के साथ विश्वासघात और अपमान भी है।
जेडीएस नेताओं ने आगे आरोप लगाया कि मैसूर से ताल्लुक रखने वाले सिद्धारमैया वर्तमान में मुदा में धोखाधड़ी और अवैध भूमि अधिग्रहण के आरोपों को लेकर न्यायिक और लोकायुक्त दोनों मामलों में मुकदमे का सामना कर रहे हैं।