विपक्षी गठबंधन में आई दरार, कांग्रेस को इंडिया गठबंधन ने बाहर करना चाहती है आप

नई दिल्ली । कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक दूसरे के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। इसी बीच, अब आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इंडिया ब्लॉक से कांग्रेस को बाहर निकालने की कोशिश करेंगे, क्योंकि कांग्रेस उनकी पार्टी पर लगातार हमलावर है।

आम आदमी पार्टी के इस बयान को विपक्षी खेमे में एक बड़ी फूट के तौर पर देखा जा रहा है। गुरुवार को इस संबंध में आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कहा कि कांग्रेस को लेकर उनके नेताओं में भारी नाराजगी है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि वह अब इंडिया ब्लॉक से कांग्रेस को बाहर करने के लिए दूसरी पार्टियों से भी बातचीत करेगी।

आप कांग्रेस से नाराज है क्योंकि उसने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है जिसमें उन पर अस्तित्वहीन कल्याणकारी योजनाओं के वादों के साथ जनता को गुमराह करने और धोखा देने का आरोप लगाया गया है।

सूत्रों ने बताया कि आप अजय माकन और दिल्ली कांग्रेस के अन्य नेताओं द्वारा पार्टी को निशाना बनाकर की गई टिप्पणियों से भी नाराज है।

युवा कांग्रेस द्वारा यह शिकायत तब दर्ज कराई गई जब दिल्ली के दो विभागों ने सार्वजनिक नोटिस जारी कर कहा कि प्रस्तावित महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना को सरकार ने अधिसूचित नहीं किया है और वे अस्तित्वहीन हैं।

हाल ही में संपन्न हुए संसद के शीतकालीन सत्र में भी इंडिया ब्लॉक के नेतृत्व को बदलने की मांग उठी थी। तब ममता बनर्जी को इंडिया ब्लॉक की कमान सौंपने की बात की गई थी। लेकिन, अब स्थिति और खराब हो चुकी है। आम आदमी पार्टी ने सीधे-सीधे कांग्रेस को ही ब्लॉक से बाहर करने की बात कही है।

आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस भाजपा के साथ मिलकर काम कर रही है। इंडिया ब्लॉक में समाजवादी पार्टी, ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस, आरजेडी, आम आदमी पार्टी, डीएमके, शिवसेना यूबीटी जैसे कई दल शामिल हैं। आम आदमी पार्टी का कहना है कि वह ब्लॉक के विभिन्न घटक दलों से इस संबंध में चर्चा करेगी।

गौरतलब है कि दिल्ली में कांग्रेस के कुछ नेताओं ने आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। इसके साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद अजय माकन ने भी अरविंद केजरीवाल के खिलाफ तल्ख टिप्पणियां की हैं। कांग्रेस के नेताओं के इन्ही बयानों ने आम आदमी पार्टी की नाराजगी बढ़ गई है।

अजय माकन ने सीधे अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब लाशों का अंबार लगा था, अंतिम क्रिया के लिए लंबी लाइन लगी थी, लोग ऑक्सीजन और आईसीयू के लिए तरस रहे थे, उस वक्त अरविन्द केजरीवाल शीश महल पर करोड़ों खर्च कर रहे थे। माकन यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि 3652 दिन बीतने के बाद जनलोकपाल लागू नहीं किया जबकि जन लोकपाल लागू करने के नाम पर ये लोग सत्ता में आए थे।

उन्होंने आम आदमी पार्टी की सरकार से प्रश्न किया कि लोकपाल को पंजाब में क्यों लागू नहीं कर रहे वहां तो पूर्ण स्वायत्ता है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने ईमानदारी का ढोंग करके घोटालों को जाल बुन डाला।

माकन ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की सरकार और उनके कामकाज पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली में 11 वर्षों में राशन कार्ड नहीं बने। 500 करोड़ रुपए अपना चेहरा चमकाने के लिए विज्ञापन पर खर्च करके 2,31,481 घरों के चूल्हे ही बुझा दिए। इतनी बड़ी राशि से इतने लोगों के चूल्हे जल सकते थे।

कांग्रेस पार्टी के ऐसे ही बयानों से नाराज आम आदमी पार्टी ने अब इस मुद्दे पर इंडिया ब्लॉक के अन्य घटक दलों से चर्चा करने का मन बनाया है। पार्टी का कहना है कि अन्य घटक दलों से बातचीत करके कांग्रेस को गठबंधन से बाहर निकालने की कोशिश की जाएगी।