कश्मीर (Kashmir) के पुलवामा (Pulwama) में सीआरपीएफ (CRPF) काफिले पर आतंकी हमले के बाद देश ही नहीं दुनिया भर में इसकी निंदा हो रही है। इस बीच रविवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर की जनता पुलवामा हमले के लिए जिम्मेदार नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक कश्मीर मुद्दे का राजनीतिक समाधान नहीं निकलता तब तक इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी। अब्दुल्ला ने घाटी के बाहर कश्मीरी छात्रों और व्यापारियों पर कथित हमलों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आम आदमी की हमले में कोई भूमिका नहीं है जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता ने जम्मू में फंसे कश्मीरी लोगों के एक समूह को संबोधित कर रहे थे जो शुक्रवार को शहर में कर्फ्यू लगने के बाद उनके घर के पास एक मस्जिद में रह रहे हैं। हमले के बाद गृह मंत्री की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित सर्वदलीय बैठक का जिक्र करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, 'मैनें बैठक में कहा था कि इसमें हमारी गलती नहीं है बल्कि आपकी गलती है क्योंकि आपने हमारी आकांक्षओं को पूरा नहीं किया।'
उन्होंने कहा, 'आप हमारे बच्चों को निशाना बना रहे हैं और हमारी समस्या को बढ़ा रहे हैं। हम बुरे हालात में फंसे हुए हैं और जो हुआ है उसके लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं क्योंकि ऐसे संगठनों से हमारा कोई संबंध नहीं है।’ गौर हो कि सीआरपीएफ के 2,500 से अधिक जवान 78 वाहनों के काफिले में यात्रा कर रहे थे जब आतंकवादियों ने गुरुवार को दोपहर करीब 3 बजकर 15 मिनट पर श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर दक्षिण कश्मीर के अवंतिपुरा के लातूमोड़ में घात लगाकर हमला किया। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए। ज्यादातर जवान छुट्टी बिताने के बाद ड्यूटी पर लौट रहे थे।पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। यह हमला श्रीनगर से करीब 20 किलोमीटर दूर हुआ। पुलिस ने फिदायीन हमलावर की पहचान आदिल अहमद के रूप में की।
वह 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था। घटनास्थल पर मौजूद एक अधिकारी ने बताया कि वह सड़क के विपरीत दिशा में 100 किलोग्राम विस्फोटकों से लदा वाहन चला रहा था और उसने सामने से बस में टक्कर मार दी जिसमें 39 से 44 जवान यात्रा कर रहे थे। इस शक्तिशाली विस्फोट की आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई। (एजेंसी इनपुट के साथ)