रूस के लिए रवाना हुए पीएम मोदी, पुतिन के साथ वार्ता से मजबूत होंगे भारत-रूस के सामरिक संबंध

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को पुतिन के साथ अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए रूस के सोची शहर जाएंगे। रूस के लिए रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उम्मीद जताई की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से उनकी बातचीत भारत और रूस की ‘विशेष और गौरवशाली’ सामरिक साझेदारी को मजबूत करेगी। पीएम मोदी ने अपनी रूस यात्रा की पूर्व संध्या पर रूसी और अंग्रेजी में सिलसिलेवार ट्वीट किए।

पहले रूसी भाषा और फिर अंग्रेजी में किये ट्वीट में उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि राष्ट्रपति पुतिन के साथ बातचीत भारत और रूस के बीच विशेष एवं विशाधिकार युक्त रणनीतिक भागीदारी और अधिक मजबूत होगी। एक अन्य ट्वीट में मोदी ने रूस के लोगों को शुभकामनाएं देते हुए लिखा कि मैं सोची के अपने दौरे और राष्ट्रपति पुतिन के साथ अपनी मुलाकात के प्रति आशान्वित हूं। उनसे मिलना मेरे लिये हमेशा सुखदायी रहा है।

अनौपचारिक सम्मेलन वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर केंद्रित

- पीएम मोदी ने कहा, ‘रूस की मित्रवत जनता का अभिवादन। मैं सोमवार को सोची में राष्ट्रपति पुतिन के साथ होने वाली मुलाकात को लेकर उत्साहित हूं। उनसे मिलकर हमेशा खुशी होती है।’ - सोमवार को होने वाले इस अनौपचारिक सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं का ध्यान वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर केंद्रित होगा।
- इस दौरान दोनों नेताओं के बीच बातचीत के मुद्दों में ईरान के साथ परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने से भारत और रूस पर पड़ने वाले आर्थिक असर, सीरिया और अफगानिस्तान के हालात, आतंकवाद के खतरे तथा आगामी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और ब्रिक्स सम्मेलन से संबंधित मामलों के शामिल होने की संभावना है।
- आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं को बीच 4-6 घंटे तक होने वाली इस बातचीत का ‘कोई एजेंडा नहीं’ है।
- द्विपक्षीय संबंधों पर विचार-विमर्श के भी सीमित रहने का संभावना है। इस बीच सूत्रों ने स्पष्ट किया कि भारत और रूस के साथ अपने रक्षा सहयोग को निर्देशित करने की किसी अन्य देश को इजाजत कभी नहीं देगा। - पुतिन और मोदी के बीच अनौपचारिक बैठक का मकसद दोनों देशों के बीच मैत्री और आपसी विश्वास का इस्तेमाल कर वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर के अहम मुद्दों पर आम राय कायम करना है। इस दौरान दोनों नेता भारत रूस असैन्य परमाणु सहयोग को अन्य देशों तक आगे बढ़ाने पर भी चर्चा कर सकते हैं।

बता दें कि पीएम मोदी की इस रूस यात्रा को बेहद खास माना जा रहा है। हालांकि पीएम मोदी इससे पहले रूस की यात्रा कर चुके हैं। दरअसल, चौथी बार राष्ट्रपति चुने जाने के महज 2 हफ्ते के अंदर ब्लादिमीर पुतिन ने खुद पीएम मोदी को न्योता दिया था। यही वजह है कि इस मुलाकात पर दुनिया भर की निगाहें भी टिकी होंगी।