कांग्रेस नेता राहुल गांधी से चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने की मुलाकात, मीटिंग में प्रियंका गांधी भी रही मौजूद

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की। खबर है कि इस बैठक में प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल और पंजाब के प्रभारी हरीश रावत भी मौजूद हैं। पंजाब, राजस्‍थान और छत्‍तीसगढ़ में कांग्रेस इकाई में आपसी कलह के बीच प्रशांत का राहुल से मिलना अहम माना जा रहा है। इसके अलावा उत्‍तर प्रदेश, उत्‍तराखंड, पंजाब, गोवा, मणिपुर और गुजरात में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। पंजाब में कांग्रेस की सरकार है। जबकि बाकी जगह पर वह अपनी खोई जमीन पाने की कोशिश करेगी। बता दें कि कुछ महीने पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रशांत किशोर को अपना प्रधान सलाहकार नियुक्त किया था और इसके बाद किशोर ने विधायकों और अधिकारियों के साथ बैठकें की थी।

राहुल की प्रशांत के साथ मीटिंग के इसलिए भी काफी मायने हैं क्‍योंकि पंजाब के साथ उत्‍तर प्रदेश में अगले साल चुनाव होने हैं। यह बैठक ऐसे समय हुई है जब प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को यूपी कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात की थी।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के लखनऊ जाने के कार्यक्रम का टलना भी पीके की राहुल की मुलाकात के साथ जोड़कर देखा जाने लगा है। पहले प्रियंका का 14 जुलाई को लखनऊ जाने का कार्यक्रम था। अब इसे टालकर 16 जुलाई कर दिया गया है। इस दौरे के साथ ही कांग्रेस मिशन यूपी का आगाज भी करने जा रही है। इस बार यूपी चुनाव की कमान प्रियंका के हाथों में सौंपी गई है।

चुनावी राज्य पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस कलह से जूझ रही है। इसे खत्म करने को लेकर कई दौर की बैठकें हो चुकी है। कुछ सप्ताह पहले सिद्धू ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ बिजली सहित विभिन्न मुद्दों पर मोर्चा दिया था। सिद्धू का कहना था कि गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए भी कारगर कदम नहीं उठाए गए।

ध्यान रहे कि पिछले महीने प्रशांत किशोर ने तीन बार एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की थी। पवार के साथ इन बैठकों ने विपक्षी दलों के बीजेपी के खिलाफ तीसरा मोर्चा बनाने के लिए एक साथ आने की अटकलों को हवा दे दी थी।

बता दें कि प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस की और तमिलनाडु में डीएमके गठबंधन की जीत में अहम भूमिका निभा चुके हैं।