MP के किसानों को संबोधन: MSP पर PM मोदी की 3 अहम बातें

तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन का आज 23वां दिन है। किसान कानून वापसी की मांग पर अड़े हैं। दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों ने कहा है कि प्रधानमंत्री को उनसे बात करनी चाहिए। कृषि कानूनों के खिलाफ अपनी लड़ाई नहीं छोड़ेंगे। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के किसानों के सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। 53 मिनट के भाषण में मोदी ने किसानों को कहा कि वे उन लोगों से बचकर रहें, जो कृषि सुधारों पर झूठ का जाल फैला रहे हैं। इतना ही नहीं न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर पीएम मोदी ने एक बार फिर कहा कि MSP न बंद होगी, न खत्म होगी।

MSP पर PM मोदी की तीन अहम बातें...

MSP न बंद होगी, न खत्म होगी


पीएम मोदी ने कहा कि एक झूठ बार-बार बोला जा रहा है। मैंने कहा कि स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करने का काम हमारी सरकार ने किया। सरकार MSP को लेकर इतनी गंभीर है कि बुआई से पहले इसकी घोषणा करती है। किसानों को पता चल जाता है कि किस फसल पर कितनी MSP मिलने वाली है। ये कानून 6 महीने पहले लागू हो चुके थे। MSP की घोषणा पहले की तरह हुई, खरीद उन्हीं मंडियों में हुई। कानून बनने के बाद MSP की घोषणा हुई, इसी MSP पर फसलों की खरीद हुई। मैं कहना चाहता हूं कि MSP न बंद नहीं होगी, न खत्म होगी।

किसानों को गुमराह किया जा रहा

पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से पहले की सरकार के 5 साल में किसानों से सिर्फ डेढ़ लाख मीट्रिक टन दाल खरीदी गई। हमने किसानों को दाल की पैदावार के लिए प्रोत्साहित किया। हमने 112 लाख मीट्रिक टन दाल खरीदी। उन्होंने दाल पैदा करने वाले किसानों को 650 करोड़, तो हमने 50 हजार करोड़ दिए। आज दाल के किसान को ज्यादा पैसा मिल रहा है। जो लोग न किसानों को ढंग से MSP दे सके, न MSP पर ढंग से खरीदी कर सके, वे किसानों को गुमराह कर रहे हैं।

हमने किसानों को लागत का डेढ़ गुना MSP दिया

पीएम मोदी ने कहा कि पहले वालों को लगा कि सरकार को किसानों पर ज्यादा खर्च न करना पड़े, इसलिए स्वामीनाथन रिपोर्ट को 8 साल तक दबाकर रखा। हमारी सरकार किसानों को अन्नदाता मानती है। हमने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट निकाली। किसानों को लागत का डेढ़ गुना MSP दिया। किसानों के साथ धोखाधड़ी का उदाहरण कर्ज माफी का वादा है। मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले कहा गया कि कर्ज माफ कर देंगे, लेकिन हुआ कुछ नहीं। राजस्थान के लाखों किसान आज भी कर्जमाफी का इंतजार कर रहे हैं। मैं यही सोचता हूं कि कोई इस हद तक भोले-भाले किसानों के साथ छल-कपट कैसे कर सकता है।

रातों-रात नहीं लाए गए ये कृषि कानून

पीएम मोदी ने कहा कि ये जो कृषि कानून लाए गए हैं, वो रातों-रात नहीं लाए गए, पिछले 20-22 सालों में हर सरकार ने इसपर व्यापक चर्चा की है। पीएम ने कहा कि 'बीते कई दिनों से देश में किसानों के लिए जो नए कानून बने, उनकी बहुत चर्चा है। ये कृषि सुधार कानून रातों-रात नहीं आए। पिछले 20-22 साल से हर सरकार ने इस पर व्यापक चर्चा की है। कम-अधिक सभी संगठनों ने इन पर विमर्श किया है।'

पीएम मोदी ने कहा कि अगर अब भी किसी को आशंका है, तो हम सिर झुकाकर-हाथ जोड़कर हर मुद्दे पर बात करने के लिए तैयार हैं। देश का किसान, किसानों का हित हमारे लिए सर्वोच्च है। पीएम मोदी ने कहा कि 25 दिसंबर को एक बार फिर मैं देश के किसानों से बात करूंगा।