क्या है लाइट हाउस प्रोजेक्ट और कितनी होगी फ्लैट की कीमत? जानें इन सवालों के जवाब

साल 2022 तक देश के सभी बेघर परिवारों को पक्का आवास मुहैया कराने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए साल यानि 2021 की शुरुआत के साथ अहम कदम उठाया है। पीएम मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लाइट हाउस प्रोजेक्ट का उदघाटन किया। नए साल में यह प्रधानमंत्री मोदी का पहला कार्यक्रम है। उन्होंने ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज-इंडिया (GHTC) के तहत अगरतला (त्रिपुरा), रांची (झारखंड), लखनऊ (उत्तर प्रदेश), इंदौर (मध्य प्रदेश), राजकोट (गुजरात) और चेन्नई (तमिलनाडु) में लाइट हाउस प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये लाइट हाउट प्रोजेक्ट आधुनिक तकनीक से बनेंगे। ये ज्यादा मजबूत होंगे और गरीबों को सुविधाजनक और आरामदायक घर मिलेगा। ऐसे में आइए जानते हैं क्या है लाइट हाउस प्रोजेक्ट और कितनी होगी इसकी कीमत...

क्या है लाइट हाउस प्रोजेक्ट?

लाइट हाउस प्रोजेक्ट (Light House Project) केंद्रीय शहरी मंत्रालय की महत्वाकांक्षी योजना है जिसके तहत लोगों को स्थानीय जलवायु और इकोलॉजी का ध्यान रखते हुए टिकाऊ आवास प्रदान किए जाते हैं। लाइट हाउस प्रोजेक्ट के लिए जिन राज्यों को चुना गया है उनमें त्रिपुरा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और तमिलनाडु शामिल हैं।

क्या है खासियत?

इस प्रोजेक्ट में खास तकनीक का इस्तेमाल कर सस्ते और मजबूत मकान बनाए जाते हैं। इस प्रोजेक्ट में फैक्टरी से ही बीम-कॉलम और पैनल तैयार कर घर बनाने के स्थान पर लाया जाता है, इसका फायदा ये होता है कि निर्माण की अवधि और लागत कम हो जाती है। इसलिए प्रोजेक्ट में खर्च कम आता है। इस प्रोजेक्ट के तहत बने मकान पूरी तरह से भूकंपरोधी होंगे।

कितने वर्गमीटर का होगा एरिया?

इस प्रोजेक्ट के तहत पूरा कारपेट एरिया 34.50 वर्ग मीटर में होगा। इसके तहत 14 मंजिला टावर बनाए जाएंगे। कुल 1,040 फ्लैट तैयार होंगे, हर फ्लैट 415 वर्ग फुट का होगा।

घरों की कीमत कितनी होगी?

जानकारी के मुताबिक, घरों की कीमत 12 लाख 59 हजार रुपये है, जिसमें केंद्र और प्रदेश सरकार की तरफ से 7 लाख 83 हजार रुपये अनुदान के तौर पर दिए जाएंगे। बाकी 4 लाख 76 हजार रुपये लाभार्थियों को देने होंगे। फ्लैट का आवंटन प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अनुसार होगा।

कब तक पूरा होगा निर्माण?


नई तकनीक के प्रयोग के कारण निर्माण कार्य करीब एक साल में पूरा हो सकेगा। प्री फैब्रिकेटेड चीजों के प्रयोग से निर्माण ज्यादा टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल होगा। लखनऊ में प्रोजेक्ट को लेकर यूपी के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया कि प्रॉजेक्ट का क्रियान्वयन शहीद पथ स्थित अवध विहार योजना में किया जा रहा है।

कब हुई थी प्रोजेक्ट की शुरुआत?

2017 में केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने GHTC-इंडिया के तहत लाइट हाउस प्रोजेक्ट के लिए छह स्थानों को चुनने के लिए राज्यों व केन्द्रशासित प्रदेशों को कहा था। मंत्रालय ने इसमें सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को प्रोत्साहित किया था। मानकों के मुताबिक, सबसे अधिक मार्क्स पाने वाले 6 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में लाइट हाउस प्रोजेक्ट की शुरुआत करने की घोषणा की गई थी।

आपको बता दे, इस प्रोजेक्ट के तहत खास तकनीक का इस्तेमाल कर सस्ते और मजबूत मकान बनाए जाते हैं। इस प्रोजेक्ट में फैक्टरी से ही बीम-कॉलम और पैनल तैयार कर घर बनाने के स्थान पर लाया जाता है, इसका फायदा ये होता है कि निर्माण की अवधि और लागत कम हो जाती है। इसलिए प्रोजेक्ट में खर्च कम आता है। इस प्रोजेक्ट के तहत बने मकान पूरी तरह से भूकंपरोधी होंगे। लाइट हाउस प्रोजेक्ट में तकनीक का सर्वोत्तम रूप दिखेगा, जिसका इस्तेमाल जनकल्याण के लिए किया जाता है।