मंगलवार सुबह तड़के भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर पर हवाई हमला किया। इसमें करीब 350 आतंकियों के मारे जाने की खबर है। अब पाकिस्तान इस हमले से बौखलाया हुआ है और वो एलओसी पर गोलीबारी कर रहा है। वही इस तनावपूर्ण माहौल के बीच एक और खबर आ रही है कि पाकिस्तानी जेट ने जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में भारतीय हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया लेकिन भारतीय विमानों ने उन्हें पीछे खदेड़ दिया। इस विमान से पायलटों को पैराशूट से नीचे उतरते देखा गया। भारत ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के F-16 विमान को ढेर कर दिया है। सीमा में बढ़ते तनाव के बीच बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विज्ञान भवन में जारी अपने कार्यक्रम को बीच में छोड़कर सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए निकल गए। विज्ञान भवन में नेशनल यूथ फेस्टिवल में प्रधानमंत्री युवाओं के सवालों का जवाब दे रहे थे। इस दौरान पीएमओ के एक अधिकारी ने उन्हें एक दस्तावेज सौंपा जिसके बाद पीएम ने अपना कार्यक्रम वहीं रोक दिया और वहां से बैठक के लिए रवाना हो गए।
वही पाकिस्तान ने भारतीय लड़ाकू विमान को मार गिराने का दावा किया लेकिन उसका यह झूठ पकड़ा गया। पाकिस्तान मीडिया में जिस भारतीय लड़ाकू विमान की तस्वीर दिखाई गई वह पुराने मिग-21 की थी जो कुछ महीने पहले शायद जोधपुर में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। इस बीच गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर पर भारतीय लड़ाकू विमानों के बम गिराने के एक दिन बाद बुधवार को देश में विशेषकर पाकिस्तान के साथ लगती सीमा की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। बैठक के दौरान देश में सुरक्षा स्थिति और सभी संवेदनशील जगहों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के के बारे में एक विस्तृत ब्योरा दिया गया। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि सिंह ने अधिकारियों को भारत-पाकिस्तान सीमा की निगरानी कर रहे सीमा सुरक्षाबल को उच्चतम स्तर तक की सतर्कता सुनिश्चित करने को कहा, ताकि सीमा पार से किसी भी दुस्साहस को नाकाम किया जा सके। बैठक में उपस्थित रहने वालों में केन्द्रीय गृह सचिव राजीब गाबा और खुफिया ब्यूरो के निदेशक राजीव जैन शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि भारत ने मंगलवार को पौ फटने से पहले बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर को तबाह कर दिया जिसमें लगभग 350 आतंकवादी और उनके प्रशिक्षक मारे गए। पाकिस्तान ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद इन आतंकवादियों को उनकी सुरक्षा के लिए इस शिविर में भेजा था। भारतीय वायुसेना का यह हमला अत्यंत त्वरित और सटीक था।
सूत्रों ने बताया कि वर्ष 1971 के युद्ध के बाद भारतीय वायुसेना पहली बार पाकिस्तान में दाखिल हुई। विदेश सचिव ने यहां संवाददाताओं को बताया कि पाकिस्तान स्थित आतंकी गुट जैश ए मोहम्मद के बालाकोट में मौजूद सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर खुफिया सूचनाओं के बाद की गई यह कार्रवाई जरूरी थी क्योंकि आतंकी संगठन भारत में और आत्मघाती हमले करने की साजिश रच रहा था।
गौरतलब है कि 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले में 40 जवान शहीद हो गये थे। जैश ए मोहम्मद ने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ली थी।