जम्मू कश्मीर: पुंछ में आम नागरिकों को निशाना बना रहा पाकिस्तान, जवाब में भारतीय सेना ने 31 पाक सैनिकों को किया ढेर

आतंकियों के खिलाफ भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। इसी कारण, दुश्मन देश ने लगातार भारतीय नागरिकों और मासूमों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। पाकिस्तानी सेना ने बुधवार को जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास स्थित गांवों को निशाना बनाते हुए भारी गोलाबारी की और मोर्टार गोले दागे, जिसमें चार बच्चों और एक सैनिक समेत कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई, और 57 अन्य घायल हो गए। खासतौर से, पाकिस्तान ने पुंछ जिले में नागरिकों को निशाना बनाकर गोलाबारी की है। भारतीय सेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया है। पाकिस्तानी सेना ने स्वीकार किया है कि भारत की कार्रवाई में अब तक उसके 31 सैनिक मारे गए हैं।

पाकिस्तान के सैन्य प्रवक्ता, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि भारतीय सेना के हमले में पाकिस्तान के 31 सैनिक मारे गए और 60 से ज्यादा घायल हुए हैं। पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि भारत ने अपने हवाई क्षेत्र से स्टैंडऑफ हथियारों का इस्तेमाल करके पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन किया है। हालांकि, भारत ने इसे नकारते हुए कहा कि उसने आत्मरक्षा के अधिकार का उपयोग करते हुए आतंकवादियों को नष्ट किया।

भारतीय सेना के एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि 7 और 8 मई की दरमियानी रात के दौरान पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा और जम्मू कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार स्थित चौकियों से तोपखाने की गोलाबारी की। भारतीय सेना ने इसका भी कड़ा जवाब दिया और दुश्मन सेना की कई चौकियां नष्ट कर दीं, जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ और कई पाकिस्तानी सैनिक हताहत हुए।

एलओसी के पास स्थित गांवों को निशाना बना रहा पाकिस्तान

इससे पहले पाकिस्तानी सेना ने बुधवार को एलओसी के पास स्थित गांवों को निशाना बनाकर भारी गोलाबारी की और मोर्टार गोले दागे। पाकिस्तानी सेना द्वारा यह गोलाबारी भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए जाने के बाद की गई। यह पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान की ओर से की गई भारी गोलाबारी में से एक है।

पाकिस्तान की अंधाधुंध गोलाबारी के कारण सैकड़ों लोग भूमिगत बंकरों में शरण लेने या सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर हो गए। इस गोलाबारी में मकान, वाहन और एक गुरुद्वारा सहित कई इमारतें नष्ट हो गईं। सबसे अधिक प्रभाव पुंछ जिले, राजौरी, बारामूला और कुपवाड़ा के सीमावर्ती क्षेत्रों पर पड़ा, जहां निवासियों के बीच दहशत फैल गई।

भारतीय सेना ने गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया, जिससे दुश्मन पक्ष के कई सैनिकों की मौत हुई और उनकी कई चौकियां नष्ट हो गईं। 25 फरवरी, 2021 को संघर्षविराम समझौते के नवीनीकरण के बाद यह पहली बार है कि इतनी भारी गोलाबारी देखी गई है। अधिकारियों ने बताया कि पुंछ जिले में कुल 13 लोगों की मौत हुई, जबकि 42 लोग घायल हो गए, जिनमें से दो की हालत गंभीर थी। पुंछ में कई जगहों, जैसे बालाकोट, मेंढर, मनकोट, कृष्णा घाटी, गुलपुर, केरनी और जिला मुख्यालय पर गोलाबारी की सूचना मिली है, जिससे दर्जनों मकान और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।

गोलाबारी के कारण स्थानीय लोगों को पीड़ितों को अस्पताल पहुंचाने में कठिनाई का सामना करना पड़ा, और पुंछ बस स्टैंड भी क्षतिग्रस्त हो गया। इस दौरान पुंछ नगर में एक गुरुद्वारा और आसपास के मकानों पर गोलाबारी हुई, जिसमें तीन सिखों की मौत हो गई। पंजाब की कई राजनीतिक पार्टियों ने इस घटना की निंदा की है।

बारामूला जिले के उरी सेक्टर में सीमा पार से हुई गोलाबारी में पांच बच्चों समेत 10 लोग घायल हो गए, जबकि राजौरी जिले में तीन अन्य घायल हो गए। कुपवाड़ा जिले के करनाह सेक्टर में गोलाबारी के कारण कई घरों में आग लग गई। मृतकों की पहचान बलविंदर कौर (33), मोहम्मद जैन खान (10), उसकी बहन जोया खान (12), मोहम्मद अकरम (40), अमरीक सिंह (55), मोहम्मद इकबाल (45), रणजीत सिंह (48), शकीला बी (40), अमरजीत सिंह (47), मरियम खातून (7), विहान भार्गव (13), मोहम्मद रफी (40) और एक भारतीय सैनिक के रूप में की गई है। यह घटना जम्मू-कश्मीर में सीमा पर बढ़े तनाव के बीच 13वीं रात थी, जब बिना उकसावे के गोलीबारी जारी रही।