जम्मू-कश्मीर के पुलवामा (Pulwama) में आतंकवादी हमले के पांच दिन बीत जाने के बाद आखिरकार पाकिस्तान (Pakistan) ने मंगलवार यानी आज (19 फरवरी 2019) अपनी जुबान खोल ही दी। उन्होंने कहा कि यह नया पाकिस्तान (Pakistan) है, अगर भारत सबूत देगा तो हम कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत ने बिना सबूत के पाकिस्तान (Pakistan) पर आरोप लगा दिया। भारत ने कोई सबूत नहीं दिया। उन्होंने कहा कि मैं भारत सरकार को जवाब दे रहा हूं। प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने कहा कि यदि भारत उनके देश पर हमला करता है तो पाकिस्तान (Pakistan) इसका माकूल जवाब देगा। उन्होंने कहा कि जंग की शुरुआत करना तो आसान है लेकिन यह जंग कहां लेकर जाएगा इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। इमरान खान (Imran Khan) ने कहा कि हमला होने की सूरत में उनका देश चुप नहीं बैठेगा और जवाबी कार्रवाई करेगा।
उन्होंने कहा, मैं भारतीय सरकार से कहना चाहता हूं कि पाकिस्तान से किसी के खिलाफ सबूत मिलने पर हम कार्रवाई करेंगे। यह हमारे हित में भी है कि हमारी धरती से कोई भी हिंसा न फैलाए। आज इससे पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बताया कि देश के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस को सोमवार को पत्र भेजकर दोनों देशों के बीच तनाव कम करने में उनकी मदद मांगी।
कुरैशी ने यूएन को अपने पत्र में लिखा, मैं भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ बल प्रयोग के खतरे के कारण हमारे क्षेत्र में खराब हो रहे सुरक्षा हालात की ओर आपका ध्यान आकर्षित करता हूं।'
पुलवामा हमले (Pulwama Terrorist Attack) के बाद पांच दिनों तक चुप रहने वाले इमरान (Imran Khan) ने सफाई देते हुए कहा कि उनके यहां सऊदी अरब का शिष्टमंडल आया था और वह उसकी तैयारी में लगे थे। इसलिए उन्हें पुलवामा हमले की निंदा करने का समय नहीं मिला।
उन्होंने कहा, 'भारत के मीडिया में पाकिस्तान को सबक सिखाने की बातें कही जा रही हैं। भारत ने यदि पाकिस्तान पर हमला किया तो हम जवाबी कार्रवाई करते हुए उसे माकूल जवाब देंगे। जंग की शुरुआत करना तो आसान है लेकिन यह जंग कहां पर लेकर जाएगा इसके बारे में कोई कुछ नहीं कह सकता।' इमरान का इशारा अपने न्यूक्लियर हथियारों की तरफ था। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने पुलवामा हमले का आरोप बिना सबूत के सीधे तौर पर पाकिस्तान पर लगा दिया। उन्होंने कहा, 'आतंकवाद से पाकिस्तान को कोई फायदा नहीं है। वह इसका शिकार है। हमारा देश स्थिरता की ओर जा रहा है इसलिए हम आतंकवादी गतिविधियों का साथ नहीं दे सकते। भारत यदि पुलवामा हमले का सबूत यदि देता है तो हम कार्रवाई करेंगे।'
भारत ने कश्मीर मामले पर किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को नकार दिया है और वह कहता आया है कि भारत एवं पाकिस्तान के संबंधों से जुड़े सभी मामलों को द्विपक्षीय तरीके से सुलझाया जाना चाहिए। कुरैशी ने कहा कि भारतीय सीआरपीएफ जवानों पर पुलवामा में हमला स्पष्ट तौर पर एक कश्मीर निवासी ने किया था। यहां तक कि भारत ने भी यही कहा है। उन्होंने कहा कि जांच से पहले ही इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराना बेतुकी बात है। कुरैशी ने आरोप लगाया कि भारत ने घरेलू राजनीतिक कारणों से पाकिस्तान के खिलाफ अपनी शत्रुतापूर्ण बयानबाजी जानबूझकर बढ़ा दी है और तनावपूर्ण माहौल पैदा किया है। उन्होंने लिखा कि भारत ने यह भी संकेत दिया है कि वह सिंधु जल संधि से पीछे हट सकता है।
गौर हो कि कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को हुए आत्मघाती हमले में सेना के करीब 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। दोनों ने अपने-अपने उच्चायुक्तों को वापस बुला लिया है।