पाकिस्तान : मुशर्रफ को सुनाई गई सजा-ए-मौत, जाने क्या है मामला

राजद्रोह मामले में एक अदालत ने पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ को मौत की सज़ा सुनाई है। यह जानकारी पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टों में दी गई है। दरअसल, पाकिस्तान की शीर्ष अदालत द्वारा गठित एक विशेष पीठ जिसमें पेशावर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश वकार अहमद सेठ अकबर और सिंध उच्च न्यायालय (लाहौर) के न्यायाधीश शाहिद करीम शामिल थे, उन्होंने यह फैसला सुनाया है। पांच जजों की बेंच में दो के मुकाबले तीन जजों ने परवेज मुशर्रफ के खिलाफ फैसला सुनाया। बेंच ने अपने संक्षिप्त आदेश में कहा कि उसने इस मामले में तीन महीने तक तमाम शिकायतों, रिकॉर्ड्स, जिरह और तथ्यों की जांच की और पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 6 के मुताबिक मुशर्रफ को देशद्रोह का दोषी पाया है। उन पर संविधान से छेड़छाड़ का आरोप लगा है।

इससे पहले परवेज मुशर्रफ की राजद्रोह मामले पर रोक की मांग करने वाली याचिका पर लाहौर हाईकोर्ट ने सोमवार को सरकार को नोटिस जारी किया था, मुशर्रफ ने याचिका में अनुरोध किया है कि उनके खिलाफ लंबित सुनवाई और सभी कार्रवाई को असंवैधानिक घोषित किया जाए। परवेज़ मुशर्रफ ने लाहौर हाईकोर्ट से आग्रह किया था कि विशेष अदालत के सुरक्षित रखे गए फैसले को तब तक के लिए निलंबित कर दिया जाए, जब तक वह कोर्ट में पेश होने लायक स्वस्थ न हो जाएं।

पाकिस्तान में किया था तख्तापलट

मुशर्रफ ने अक्टूबर 1999 में सैन्य विद्रोह कर पाकिस्तान की सत्ता अपने हाथ में ले ली थी। और 2001 के जून में उन्होंने सैन्य प्रमुख रहते हुए स्वयं को राष्ट्रपति घोषित कर दिया था। इसके बाद 2002 के अप्रैल में एक जनमत संग्रह करवाकर पांच साल के लिए राष्ट्रपति बन गए।

क्यों लगा राजद्रोह का मामला

2007 के अक्टूबर में मुशर्रफ ने फिर से राष्ट्रपति चुनाव जीता। मगर उनके चुनाव को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। लेकिन उन्होंने देश में इमरजेंसी लागू कर दिया था। हालांकि उन्होंने अगस्त 2008 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।

मुशर्रफ को इसी मामले में 31 मार्च, 2014 को दोषी ठहराया गया था। मुशर्रफ पर मुकदमा 2013 में उस समय दायर किया गया था जब नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) दोबारा सत्ता में आई थी। साल 2016 में उन्होंने अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए पाकिस्तान छोड़ दिया था, जिसके कारण इस मामले की सुनवाई में दिक्कतें आई और सुनवाई को कुछ दिनों के लिए रोकना पड़ा था। राजद्रोह के मामले में 19 नवम्बर को सुनवाई पूरी हो गई थी और आज सज़ा का ऐलान कर दिया गया। देश में आपातकाल की घोषणा करने, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को नजरंबद करने और 100 से ज्यादा जजों को बर्खास्त करने के मामले में मार्च 2014 में मुशर्रफ को दोषी ठहराया गया था।

बता दे, 76 साल के मुशर्रफ उपचार के लिए मार्च 2016 में दुबई गए थे और तब से सुरक्षा व स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर नहीं लौटे हैं। कुछ दिन पहले परवेज मुशर्रफ ने देशद्रोह के आरोपों को नकारते हुए अस्पताल से अपना विडियो संदेश जारी किया था।