सक्रिय हुए दुष्यन्त चौटाला, फ्लोर टेस्ट की माँग के साथ राज्यपाल को लिखा पत्र

चंडीगढ़। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार से तीन निर्दलीय विधायकों द्वारा अपना समर्थन वापस लेने के बाद हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को पत्र लिखकर फ्लोर टेस्ट की मांग की है। उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग की।

मार्च में भाजपा द्वारा चौटाला के नेतृत्व वाली पार्टी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) से नाता तोड़ने के बाद नई सरकार का गठन हुआ था। सैनी ने खट्टर के इस्तीफा देने के बाद पदभार संभाला और उन्हें राज्य में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए करनाल संसदीय सीट से मैदान में उतारा गया। जेजेपी सैनी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का समर्थन नहीं कर रही है।

पूर्व डिप्टी सीएम और जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हम मौजूदा सरकार का समर्थन नहीं करते हैं और हरियाणा में किसी भी दूसरे राजनीतिक दल द्वारा सरकार बनाने में समर्थन के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं। दुष्यंत चौटाला ने पत्र में लिखा कि दो विधायकों के इस्तीफे के बाद सदन की संख्या 88 है। भाजपा के पास 40 विधायक हैं और कांग्रेस के पास 30, जेजेपी के 6, हलोपा और इनेलो के पास 1-1 है, ऐसे में सरकार के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है।

मंगलवार को ही तीन विधायकों ने भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। इनमें दादरी से सोमवीर सांगवान, पुंडरी से रणधीर सिंह गोलन और नीलोखेड़ी से धर्मपाल गौंडर का नाम शामिल है। तीनों विधायकों ने रोहतक में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर समर्थन वापस लेने का ऐलान कर दिया था। साथ ही इन विधायकों ने कांग्रेस का समर्थन करने का फैसला किया था।

इधर, चौटाला भी कांग्रेस के साथ जाने के संकेत दे चुके हैं। उन्होंने कहा था, 'दो महीने पहले बनी सरकार अब अल्पमत में है, क्योंकि उनका समर्थन करने वाले दो विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। एक भाजपा के थे और एक निर्दलीय थे। उनका समर्थन कर रहे तीन निर्दलीय विधायकों ने भी अपना समर्थन वापस ले लिया है और राज्यपाल को पत्र लिख दिया है।'

उन्होंने आगे कहा, 'जेजेपी पहले ही साफ कर चुकी है कि अगर इस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, तो हम इसका समर्थन करेंगे।' उन्होंने कहा था, 'हमने इस संबंध में राज्यपाल को भी लिख दिया है। कांग्रेस को यह कदम उठाना ही होगा। राज्यपाल के यह देखने के लिए कि सरकार के पास ताकत है नहीं, फ्लोर टेस्ट बुलाने और अगर बहुमत नहीं है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की शक्ति है।'