पाक और चीन मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में रोड़ा न अटकाए : पाकिस्तानी मीडिया

जैश सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर चौथी बार चीन ने अडंगा लगा दिया है। वीटो का इस्तेमाल करते हुए चीन ने पाकिस्तान के लाडले मसूद को बचा लिया। इसके साथ ही ये प्रस्ताव रद्द हो गया है। लगातार चीन अपनी वीटो पॉवर से मसूद अजहर को बचाता आ रहा है। वही अब सोमवार को पाकिस्तान के एक प्रमुख अखबार ने अपने संपादकीय में कहा कि चीन और पाकिस्तान को जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी चिह्नित करने के रास्ते में रोड़ा नहीं अटकाना चाहिए। अखबार ने संपादकीय में पाकिस्तान में आतंकी समूहों पर सख्त कार्रवाई करने पर जोर देते हुए कहा कि ऐसा करने से इस्लामाबाद को अंतरराष्ट्रीय समुदाय का आदर-सम्मान दोबारा प्राप्त होगा।

‘डॉन’ ने संपादकीय में कहा है कि कोई भी ‘अच्छा’ या ‘बुरा’ आतंकी समूह नहीं होता है और ये समूह या तो देश में तबाही लाते हैं या तबाही लाते रहे हैं। संपादकीय में कहा गया है, ‘‘ लेकिन उम्मीद है कि अब यह नजरिया खत्म हो चुका है क्योंकि प्रधानमंत्री इमरान खान ने वादा किया है कि किसी भी समूह को आतंकी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान की जमीन के इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी जाएगी।’’

संपादकीय में कहा गया है, ‘‘ उनको अपने वादे पर खरा उतरना चाहिए। यही एकमात्र रास्ता है जिसके जरिए पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय का आदर-सम्मान हासिल कर सकता है और इसी तरह से भारत के पाकिस्तान को अलग-थलग करने के प्रचार का मुकाबला कर सकता है।’’

डॉन ने संपादकीय में कहा, ‘‘ ज्यादातर आतंकी समूहों पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है लेकिन यह सुनिश्चित किए जाने की जरूरत है कि ये सभी फिर से पुनर्जीवित न हो पाएं। अगर दुनिया मसूद अजहर को काली सूची में डालना चाहती है तो पाकिस्तान को इस पर हिचकिचाना नहीं चाहिए और न ही चीन को ऐसा करना चाहिए।’’

चीन ने पिछले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चौथी बार मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की राह रोक दी थी। इस कदम को भारत ने निराशाजनक बताया था। चीन द्वारा मसूद को बचाने के बाद अब फ्रांस ने इस आतंकवादी संगठन पर खुद से ऐक्शन लेने का फैसला कर लिया है। फ्रांस ने अब जैश सरगना मसूद की संपत्ति को जब्त करने का फैसला किया है। जैश के खिलाफ फ्रांस की अबतक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। मसूद के पक्ष में चीन का वीटो का अमेरिका समेत कई देशों ने आलोचना की थी।

आपको बता दें कि 2017 में भी चीन ने ऐसा ही किया था। बीते 10 साल में संयुक्त राष्ट्र में अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने का यह चौथा प्रस्ताव था। चीन के इस फैसले के बाद भारत सरकार ने कहा, ''एक देश की वजह से जो नतीजा सामने है वो निराश करने वाला है लेकिन मसूद अजहर के खिलाफ हमारी मुहिम जारी रहेगी। हम निराश हैं लेकिन हम सभी उपलब्ध विकल्पों पर काम करते रहेंगे, ताकि ये तय किया जा सके कि भारतीय नागरिकों पर हुए हमलों में शामिल आतंकवादियों को न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाए।'' उल्लेखनीय है कि भारत लंबे समय से सुरक्षा परिषद का ध्यान इस ओर आकर्षित कर रहा है कि जैश पर संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध लगाया है, लेकिन उससे संस्थापक को बैन नहीं किया जा रहा। अजहर पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के बहावलपुर में कौसर कालोनी में रहता है। जनवरी 2016 में पंजाब के पठानकोट में भारतीय वायु सेना के बेस पर जैश के हमले के बाद भारत ने संयुक्त राष्ट्र की ओर से अजहर पर प्रतिबंध लगाने को लेकर अपनी कोशिशें तेज कर दी थीं। इसमें भारत को अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस का भी समर्थन मिला था, लेकिन चीन ने इसका विरोध किया था।