
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के 15 दिन बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत अपना बदला पूरा कर लिया है। भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए सटीक मिसाइल हमले किए, जिससे 70 से अधिक आतंकवादियों को मारा गया। इस कार्रवाई से बुरी तरह पस्त पाकिस्तान अब गीदड़भभकी का सहारा ले रहा है और उसने कहा कि वह भारत के इन हमलों का जवाब देगा। लेकिन भारत किसी भी नापाक हरकत के लिए पूरी तरह से तैयार है और इस मामले में कोई भी कोताही नहीं बरतने वाला है।
पाकिस्तान द्वारा भारत की शांति को भंग करने के लिए चीनी मिसाइलें भेजने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे किसी भी प्रयास को नाकाम करने के लिए भारत ने अपनी ताकत में और इजाफा किया है और S-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम के जरिए अपनी सुरक्षा को मजबूत किया है। यह दुनिया की सबसे बेहतरीन वायु रक्षा प्रणालियों में से एक है, जो महज पांच मिनट में तैयार होकर दुश्मन के किसी भी हमले को नष्ट करने की क्षमता रखता है।
भारत के पास कितने S-400 ट्रायम्फ हैं?S-400 ट्रायम्फ एक सर्फेस-टू-एयर मोबाइल डिफेंस सिस्टम है, जिसे रूस ने 2007 में विकसित किया था। भारत ने अक्टूबर 2018 में रूस के साथ 5 S-400 ट्रायम्फ मिसाइल सिस्टम रेजिमेंट का कॉन्ट्रैक्ट किया था। इस सौदे की अनुमानित कीमत लगभग 5.43 बिलियन डॉलर थी। वर्तमान में, इनमें से 3 रेजिमेंट भारत के पास पहुंच चुकी हैं, और बाकी 2 रेजिमेंट अगस्त 2026 तक भारत में तैनात कर दिए जाएंगे।
क्यों खास है S-400?S-400 चार प्रकार की मिसाइलों से लैस है, जो अलग-अलग रेंज और क्षमता के साथ दुश्मन के हमलों को नष्ट करने के लिए सक्षम हैं। इसमें 40N6E (400 किमी रेंज), 48N6E3 (250 किमी), 9M96E2 (120 किमी), और 9M96E (40 किमी) मिसाइलें शामिल हैं। यह प्रणाली 400 किलोमीटर की दूरी और 30 किलोमीटर की ऊंचाई तक किसी भी विमान, ड्रोन, क्रूज मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइल जैसे लक्ष्यों को ट्रैक कर सकती है और उसे हवा में ही ध्वस्त कर सकती है। इसके साथ ही, यह प्रणाली एक साथ 300 टारगेट्स को ट्रैक करने में सक्षम है।