‘एक देश-एक चुनाव’ पर PM मोदी ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, ममता नहीं होंगी शामिल, राहुल के आने पर भी सस्पेंस

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में राष्ट्रीय पार्टियों, क्षेत्रीय पार्टियों के अध्यक्ष को शामिल होना है। बैठक दोपहर 3 बजे संसद भवन की लाइब्रेरी में होगी। साथ ही 2022 में आजादी के 75वें वर्ष के जश्न, महात्मा गांधी के इस साल 150वीं जयंती वर्ष को मनाने समेत कई मामलों पर चर्चा की जाएगी। इसके बाद 20 जून को सभी सांसद रात्रिभोज के समय बैठक करेंगे। इस बैठक में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) शामिल नहीं होंगे। केसीआर की जगह उनके बेटे और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव शामिल होंगे। ममता बनर्जी की तरफ से कोई प्रतिनिधि बैठक में नहीं होगा। ध्यान रहे कि पिछले दिनों नई दिल्ली में हुई नीति आयोग की बैठक में भी दोनों मुख्यमंत्री नहीं पहुंचे थे। ममता बनर्जी पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल नहीं हुई थी। इसके अलावा राहुल गांधी के आने पर सस्पेंस बना हुआ है।

एजेंडे में और क्या होगा

इस बैठक में वन नेशन वन पोल के अलावा भी कई मुद्दों पर बात होगी। 2022 में भारत अपनी आजादी के 75 साल पूरा कर लेगा, इसे मोदी सरकार बड़े रूप में मनाना चाहती है, जिस पर सभी दलों से बात हो सकती है। साथ ही महात्मा गांधी की 150वीं जयंती का जश्न और सदन में कामकाज के सुचारू रूप से चलने को लेकर बैठक में प्रधानमंत्री बात करेंगे।

ममता बनर्जी ने दी ये दलील

बैठक में शामिल नहीं होने के बनर्जी के निर्णय को राजनीतिक गलियारों में पश्चिम बंगाल में तृणमूल और भाजपा के बीच बढ़े तनाव का नतीजा समझा जा रहा है। पश्चिम बंगाल बीजेपी प्रमुख दिलीप घोष ने कहा कि बनर्जी संसदीय चुनाव में मिली हार से अभी उबर नहीं पाई हैं और केंद्र या भाजपा द्वारा बुलाई गई किसी भी बैठक में शामिल नहीं होने के लिए बहाने बना रही हैं। ममता बनर्जी ने संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी को पत्र में लिखा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के मामले पर विशेषज्ञों से विचार-विमर्श करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ जैसे संवेदनशील एवं गंभीर विषय पर इतने कम समय में जवाब देने से इस विषय के साथ न्याय नहीं होगा। इस विषय को संवैधानिक विशेषज्ञों, चुनावी विशेषज्ञों और पार्टी सदस्यों के साथ विचार-विमर्श की आवश्यकता है।

उन्होंने लिखा, मैं अनुरोध करूंगी कि इस मामले पर जल्दबाजी में कदम उठाने के बजाय, आप कृपया सभी राजनीतिक दलों को इस विषय पर एक श्वेत पत्र भेजें जिसमें उनसे अपने विचार व्यक्त करने को कहा जाए। इसके लिए उन्हें पर्याप्त समय दिया जाए। यदि आप ऐसा करते हैं, तभी हम इस महत्वपूर्ण विषय पर ठोस सुझाव दे पाएंगे।

विरोध कर सकती हैं विपक्षी पार्टियां...

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लेकर विपक्षी दल अभी राय साफ नहीं कर पाए हैं। सूत्रों की मानें तो कई विपक्षी दल इस प्रस्ताव का विरोध कर सकते हैं। जिस भी पार्टी का राज्यसभा या लोकसभा में सदस्य है, उसे आमंत्रण भेजा गया है। कांग्रेस आज सुबह इस बैठक को लेकर एक मीटिंग करेगी, जिसमें इसमें शामिल होने पर फैसला होगा तो वहीं एजेंडे पर बात होगी।

खास बात है कि आज ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का जन्मदिन भी है। ऐसे में उनके आने या ना आने पर भी हर किसी की नजर होगी। वहीं अगर ममता बनर्जी की बात करें तो उन्होंने ये कहकर बैठक में आने से इनकार कर दिया था कि इसको लेकर पहले सरकार को श्वेतपत्र लाना चाहिए, कानूनी जानकारों से बात करनी चाहिए और किसी तरह की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।

अगर गैर एनडीए दल की बात करें तो जगनमोहन रेड्डी, नवीन पटनायक, केसीआर की तरफ से उनके बेटे केटीआर और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव भी बैठक में शामिल होंगे।