VRS मिलते ही ओडिसा सरकार ने दिया IAS पांडियन को कैबिनेट दर्जा, 2024 चुनाव में होंगे मुख्यमंत्री चेहरा

नई दिल्ली। ओडिशा के ताकतवर IAS वीके पांडियन के VRS को केंद्र की मंजूरी मिल गई है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के पूर्व सहयोगी वीके पांडियन को कैबिनेट मंत्री के दर्जे के साथ 5 टी (Transformational Initiatives) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पांडियन के सरकारी सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के 24 घंटे से भी कम समय में उनकी यह नियुक्ति हुई है।

सामान्य प्रशासन और लोक शिकायत विभाग ने कहा कि वीके पांडियन को कैबिनेट मंत्री के दर्जे के साथ 5 टी और नबीन ओडिशा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वह सीधे मुख्यमंत्री के अधीन काम करेंगे। पांडियन 2011 में मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) में आए थे। तब से वह पटनायक के निजी सचिव रहे हैं। पटनायक के 2019 में पांचवी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद पांडियन को सरकारी विभागों में कुछ परिवर्तनकारी पहलों को लागू करने के लिए 5 टी सचिव की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई थी।

केंद्र ने ओडिशा के प्रशासन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को एक पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि उनकी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति को मंजूरी दे दी गई है। केंद्र सरकार के सचिव भूपेंद्र पाल ने पत्र में कहा कि पांडियन की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के संबंध में 20 अक्टूबर 2023 को मिले पत्र के संदर्भ में मुझे उनकी सेवानिवृत्ति की मंजूरी के लिए सक्षम प्राधिकारी को अवगत कराने का निर्देश दिया गया है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पांडियन 2011 से सीएमओ में काम कर रहे हैं। उनको सीएमओ का सबसे कद्दावर अफसर माना जाता रहा। करियर की शुरुआत उन्होंने कालाहांडी जिले के धर्मगढ़ में सब-कलेक्टर के रूप में की थी। इसके बाद वह मुख्यमंत्री कार्यालय में पहुंचे। सीएमओ में उनकी कार्यशैली ने एक अलग छाप छोड़ी। इसी वजह से वो पटनायक के सबसे खास बन गए।

सरकारी हेलीकॉप्टर से वो सारे सूबे का दौरा करने के मामले में खासे बदनाम भी हुए। बीजू जनता दल के निष्कासित विधायक सौम्य रंजन पटनायक ने उन पर सरकारी खजाने से पैसा खर्च करके हेलीकॉप्टर यात्रा करने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि ये सरकारी पैसे का दुरुपयोग है। लेकिन सरकार का तर्क था कि पांडियन ने बेवजह हेलीकॉप्टर से ओडिशा का दौरा नहीं किया।

गंजम के डीएम रहने के दौरान सीएम के विश्वस्त अधिकारियों में सुमार

2007 में पांडियन को गंजम का डीएम बनाया गया था जो मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का गृह जनपद है। यहां अपने शानदार कार्यशैली की वजह से वह सीएम के विश्वासपात्र नौकरशाहों में शुमार हो गए थे। यहीं से पांडियन को सीधे 2011 में मुख्यमंत्री कार्यालय में पोस्टिंग मिली जिसके बाद से वह सीएम के निजी सचिव बने रहे हैं।

मुख्यमंत्री के परिवर्तनकारी योजनाओं के कर्णधार रहे हैं पांडियन


2019 में जब नवीन पटनायक पांचवीं बार सूबे के मुख्यमंत्री बने तब उन्होंने ओडिशा के समग्र विकास के लिए 5T नाम से कल्याणकारी अभियान को लांच किया, जिसकी कमान अपने सबसे खास नौकरशाह पांडियन को सौंपा। उन्हें 5T का सचिव बनाया गया था और अब उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाकर सीधे इसकी जिम्मेदारी सौंप दी गई है। सचिव के पद पर नियुक्ति के बाद से ही पांडियन ने लोगों की सुविधाओं के लिए उनकी शिकायतें सुनने हेतु हेलीकॉप्टर का तूफानी इस्तेमाल किया और 190 बैठकें की।

तमिलनाडु में हुआ था जन्म

ओडिशा सरकार की वेबसाइट के मुताबिक पांडियन का जन्म 25 मई 1974 को तमिलनाडु में हुआ था। वह अंग्रेजी और ओड़िया के अलावा तमिल और हिंदी भी अच्छी तरह से बोल लेते हैं जो सूबे में रहने वाले पूर्वी भारतीयों के बीच पैठ सुनिश्चित करने में मददगार साबित हो सकता है। कहा जा रहा है कि स्वास्थ्य कारणों से मुख्यमंत्री नवीन पटनायक 2024 के चुनाव के समय सीएम का पद छोड़ सकते हैं। ऐसी स्थिति में पांडियन को उनका उत्तराधिकारी बनाया जा सकता है।