सावधान! केरल में NiPah वायरस से 3 की मौत, अब तक इससे जुड़ी कोई वैक्सीन नहीं

केरल के कोझीकोड में खतरनाक निपाह वायरस फैल रहा है। जिसकी चपेट में आने से अब तक तीन लोगों की मौत हो गई है और 25 लोगों के खून में निपाह वायरस होने की पुष्टि हुई है। इन सभी को निगरानी में रखा गया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश के बाद स्थिति की निगरानी के लिए एक केंद्रीय टीम राज्य का दौरा करेगी। नड्डा ने एक ट्वीट में कहा, "स्वास्थ्य सचिव के साथ केरल में निफा वायरस से जुड़ी मौतों की स्थिति की समीक्षा की है। मैंने निदेशक एनसीडीसी को जिले का दौरा करने और प्रोटोकॉल के तहत राज्य सरकार से परामर्श कर बीमारी की रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है।"

केरल सरकार ने केंद्र सरकार से इस वायरस से निपटने के लिए मदद मांगी है। इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एनसीडीसी की टीम को केरल का दौरा करने का आदेश दिया है। बताया जा रहा है कि नेशनल सेंटर फॉर डीसीज कंट्रोल (एनसीडीसी) की टीम केरल में निपाह वायरस प्रभावित इलाकों का दौरा करेगी। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की कमेटी वायरस की जानकारी जुटा रही है। उधर, पुणे वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट ने खून के तीन नमूने लिए, जिसमें निपाह वायरस होने की भी पुष्टि हुई है।

निपाह वायरस क्या है?

- विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार, निपाह वायरस चमगादड़ से फलों में और फलों से इंसानों और जानवरों में फैलता है।
- 1998 में पहली बार मलेशिया के कांपुंग सुंगई निपाह में इसके मामले सामने आए थे। इस जगह के कारण ही इसे निपाह वायरस नाम दिया गया। पहले इसका असर सुअरों में देखा गया था। फिर 2004 में यह वायरस बांग्लादेश में फैला।
- भारत में यह केरल में पहली बार सामने आया है।
- इस वायरस से प्रभावित लोगों को सांस लेने की दिक्कत होती है फिर दिमाग में जलन महसूस होती है। वक्त पर इलाज नहीं मिलने पर मौत हो जाती है।
- अब तक इस वायरस से जुड़ी कोई वैक्सीन नहीं आई है।
- इस वायरस से बचने के लिए फलों, खासकर खजूर खाने से बचना चाहिए।
- पेड़ से गिरे फलों को नहीं खाना चाहिए। बीमार सुअर और दूसरे जानवरों से दूरी बनाए रखनी चाहिए।
- इस वायरस से हुई बीमारी में मौत की दर 70 प्रतिशत है।