केरल में निपाह वायरस से मरने वालों की संख्या में बढ़कर 12 हो गई है। केरल से शुरू हुए निपाह वायरस का खौफ पूरे भारत में देखने को मिल रहा है। कर्नाटक, ओडिशा और हिमाचल प्रदेश में भी इसके फैलने की खबरों से हड़कंप मच गया है। वहीं इसने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की भी चिंता बढ़ा दी है। मंत्रालय की ओर से एक एडवाइजरी जारी कर सभी राज्यों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। निपाह वायरस को लेकर अब तक कहा जा रहा था कि यह चमगादड़ के कारण फैल रहा है। लेकिन शुक्रवार को आई रिपोर्ट से चौकाने वाली बात सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक इस संक्रमण के फैलने के मुख्य कारण चमगादड़ नहीं हैं।
अधिकारियों का कहना है कि वह अब मोहम्मद साबिथ (26) के बारे में ये पता करेंगे कि उसने किन जगहों की यात्रा की थी। बता दें साबिथ मूसा के घर के ऐसे पहले व्यक्ति थे जिनकी मौत निपाह से हुई थी। साबिथ सहित उनके परिवार में कुल चार लोगों की मौत वायरस से हो चुकी है। साबिथ सऊदी अरब में हेल्पर के तौर पर कार्य करते थे।
जब जांच अधिकारियों को उसके घर में चमगादड़ मिले तो उन्हें लगा कि वायरस के पीछे का कारण चमगादड़ ही हैं। बताया जाता है कि एनआईवी का ट्रांसमिशन संक्रमित चमगादड़, सूअर या अन्य एनआईवी संक्रमित लोगों से सीधे संपर्क में आने से होता है। इसलिए ये सैंपल भेजे गए।
चमगादड़ और सूअरों के कुल 21 नमूने भेजेभोपाल में उच्च सुरक्षा पशु रोग प्रयोगशाला में चमगादड़ और सूअरों के कुल 21 नमूने भेजे गए थे। जिनमें सभी के जांच रिपोर्ट नकारात्मक पाए गए हैं। इन नमूनों में चमगादड़ और सूअर के अलावा गाय, बकरी, खरगोश, कुत्ते और बिल्ली के सैंपल भी भेजे गए थे लेकिन उनकी जांच रिपोर्ट भी नकारात्मक पाए गए।
वहीं सप्ताह के शुरु में केंद्रीय पशुपालन आयुक्त एसपी सुरेश की अगुआई वाली एक टीम ने प्रभावित क्षेत्र में जानवरों की जांच के बाद कहा था कि जानवरों में निपाह वायरस से संबंधित कोई भी घटना नहीं पाई गई है। इस वायरस से केवल इंसान ही प्रभावित हैं।
भोपाल में भेजे गए सैंपलों में वह चमगादड़ भी शामिल था जिसे पेरम्बरा गांव के मूसा के घर से लिया गया था। बता दें मूसा के दोनों बेटों और रिश्तेदारों की मौत निपाह वायरस के कारण हुई थी। जानकारी के मुताबिक सभी 21 सैंपल पेरम्बरा और उसके आस पास के इलाके से इकट्ठे किए गए थे।
जागरुकता के लिए मंत्री निकालेंगे जुलूसहाल ही में हुई मौतों के कारण कोझीकोड और मल्लापुरम जिलों के लोग अपने घरों और पशुओं को छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं। राज्य सरकार ने शुक्रवार को सभी पार्टियों की एक मीटिंग भी बुलाई। जिसमें यह फैसला लिया गया कि सबसे प्रभावित जिले कोझीकोड में लोगों को जागरुक करने के लिए जुलूस निकाला जाएगा।
इस यात्रा में एक्साइज मंत्री टीपी रामकृष्णन और स्वास्थ्य मंत्री केके शैलेजा भी हिस्सा लेंगे। साथ ही सरकार ने बिजली शवदाह गृह के उन कर्मियों को भी काम से बर्खास्त करने का फैसला किया है जो निपाह पीड़ितों के शवों का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर रहे हैं।
अब जब रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि ये वायरस चमगादड़ों से नहीं फैल रहा है तो अधिकारियों ने प्रभावित इलाकों को मद्देनजर रखते हुए जांच आगे बढ़ाने का फैसला किया है।
केरल के इन चार जगहों पर न जाये- राज्य सरकार ने एक परामर्श जारी कर केरल की यात्रा करने वाले सभी लोगों से चार जिलों कोझिकोड, मलप्पुरम, वायनाड और कन्नूर की यात्रा से बचने को कहा है।
- स्वास्थ्य सचिव राजीव सदानंदन ने कहा कि केरल में किसी भी जगह यात्रा करना सुरक्षित है। अगर अतिरिक्त सतर्कता बरतना चाहते हैं तो इन चार जिलों की यात्रा से बचें।