बड़ा हादसा: पीलीबंगा की नहर में डूबे दो जुड़वा भाई समेत तीन बच्चे, दो परिवारों पर टूटा दुखों का पहाड़

राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के पीलीबंगा क्षेत्र में सोमवार को दिल को झकझोर देने वाला हादसा हुआ, जहां पीबीएन नहर में डूबने से तीन मासूम बच्चों की मौत हो गई। मरने वालों में दो जुड़वा भाई थे, जिससे दो परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। इस दर्दनाक घटना से पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है।

जानकारी के अनुसार, तीनों बच्चे अपने घर से बकरियां चराने निकले थे। बकरियां चराते समय गर्मी से राहत पाने के लिए बच्चे पीबीएन नहर में नहाने उतर गए। लेकिन यह नहाना उनकी जिंदगी का आखिरी पल साबित हुआ। बच्चों की डूबने की खबर मिलते ही मौके पर अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों की मदद से तुरंत पुलिस को सूचना दी गई।

पीलीबंगा थाने के कांस्टेबल अरविंद कुमार ने बताया कि मृतकों की पहचान दुलमाना गांव निवासी कृष्ण पुत्र नानक राम बावरी और वकील पुत्र नानक राम बावरी के रूप में हुई है, जो कि जुड़वा भाई थे। तीसरे मृतक की पहचान रमन पुत्र कृष्ण लाल कुम्हार के रूप में की गई है। तीनों बच्चों की उम्र महज 10 से 12 साल के बीच बताई जा रही है।

पुलिस मौके पर पहुंची और रेस्क्यू कर शवों को बाहर निकालकर पीलीबंगा अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है। पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के सही कारणों की पुष्टि हो सकेगी, हालांकि प्रथम दृष्टया मामला नहर में डूबने का ही प्रतीत होता है।

इस घटना की सूचना जैसे ही गांव और आसपास के क्षेत्र में फैली, लोगों की भीड़ अस्पताल और मृतकों के घरों के बाहर जुट गई। हर आंख नम थी और गांव में मातम सा माहौल था। यह घटना दो परिवारों की खुशियां छीन ले गई, जिनके घरों में अब सिर्फ सन्नाटा और मातम है।

स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी अस्पताल पहुंचे और परिवारों को सांत्वना दी। जनप्रतिनिधियों ने राज्य सरकार से मांग की है कि मृत बच्चों के परिजनों को आर्थिक सहायता दी जाए, ताकि इस असहनीय दुख में उन्हें कुछ राहत मिल सके।

यह हादसा न सिर्फ इन तीन मासूमों की जान ले गया, बल्कि यह भी दर्शाता है कि गर्मियों के दौरान बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखना कितना जरूरी है। खुले जल स्रोतों के आसपास सुरक्षा उपायों की सख्त जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।