कोरोना के 1-2 केस मिलने पर भी अब बंद नहीं किए जाएंगे दफ्तर, सैनिटाइजेशन के बाद शुरू हो सकता है काम, नई गाइडलाइंस जारी

ऑफिस या वर्कप्लेस के बारे में नई SOP केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को जारी की। इसके मुताबिक, दफ्तरों और कार्यस्थलों को अब कोरोना संक्रमण के मामले पाए जाने के बाद भी बंद या सील नहीं किया जाएगा। अगर किसी ऑफिस में कोरोना का केस मिलता है तो उस एरिया को डिसइंफेक्टेड करने के बाद दोबारा काम शुरू किया जा सकता है। कार्यस्थलों पर कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए मंत्रालय ने ये नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। वहीं कार्मिक मंत्रालय ने सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को कार्य दिवसों में कार्यालय में मौजूद रहने के निर्देश जारी किए हैं।

मिनिस्ट्री के मुताबिक, किसी ऑफिस में एक या दो केस मिलते हैं तो डिसइंफेक्शन की प्रोसेस सिर्फ उसी जगह होगी, जहां मरीज पिछले 48 घंटों में मौजूद रहा हो। इसके बाद प्रोटोकॉल के हिसाब से काम फिर से शुरू किया जा सकता है। अगर कार्यस्थल पर संक्रमण के ज्यादा मामले मिलते हैं तो पूरे ब्लॉक या बिल्डिंग को डिसइंफेक्टेड करना होगा। इसके अलावा, वर्क प्लेस में एंट्री के वक्त हाथों की सफाई और थर्मल स्क्रीनिंग जरूरी होगी। सिर्फ ऐसे स्टाफ और विजिटर्स को एंट्री की इजाजत होगी, जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं हैं।

मिनिस्ट्री ने कहा कि सभी कर्मचारियों और विजिटर्स को कोरोना की रोकथाम के उपाय करने चाहिए। इनमें 6 फीट की दूरी बनाए रखना, पूरे समय फेस कवर या मास्क का इस्तेमाल करना और लगातार हाथ धोने की आदत शामिल है। लोगों के बार-बार छूने वाली जगह की दिन में कम से कम 2 बार सफाई होनी चाहिए। ऑफिस और दूसरे वर्क प्लेस आपस में जुड़े होते हैं। इसलिए यहां गलियारे, लिफ्ट, सीढ़ियों, पार्किंग, कैंटीन, मीटिंग रूम और कॉन्फ्रेंस हॉल में कोरोना तेजी से फैल सकता है। संक्रमण को फैलने से रोकने की जरूरत है।

कोरोना के संदिग्ध की पहचान होने पर वक्त से जरूरी उपाय करना जरूरी है, ताकि इसके फैलाव को सीमित किया जा सके।

कंटेनमेंट जोन में बंद रहेंगे दफ्तर

गाइडलाइंस में कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन में मेडिकल और जरूरी सर्विस को छोड़कर सभी ऑफिस बंद रहेंगे। इसमें स्पष्ट रूप से उल्लिखित किया गया है कि सिर्फ कंटेनमेंट जोन के बाहर स्थित दफ्तर खोलने की अनुमति होगी। जहां तक मुमकिन हो, सभी मीटिंग्स वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही की जानी चाहिए। ज्यादा लोगों के एक साथ जुटने पर रोक जारी रहेगी। कंटेनमेंट जोन में रहने वाले अधिकारी और स्टाफ को अपने मैनेजर को इसकी सूचना देनी होगी। कंटेनमेंट जोन खत्म किए जाने तक उन्हें ऑफिस नहीं आना चाहिए। इसके बजाय उन्हें घर से ही काम करने की इजाजत दी जानी चाहिए।

इनका बातों का ध्यान रखना जरूरी

- SOP में कहा गया है कि लिफ्ट में लोगों की संख्या तय रहेगी, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग बनाई जा सके
- कार्यस्थलों पर जहां तक संभव हो दो गज यानी छह फीट की दूरी बनाए रखनी होगी
- एयर कंडीशनिंग और वेंटिलेशन के लिए CPWD के निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए
- एयर कंडीशनर का टेम्परेचर 24 से 30 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए। ह्यूमिडिटी की रेंज 40 से 70 रहनी चाहिए
- वर्क प्लेस पर क्रॉस वेंटिलेशन का पर्याप्त इंतजाम होना चाहिए
- ऑफिस कैंपस के बाहर और भीतर किसी भी दुकान, स्टॉल, कैफेटेरिया या कैंटीन में हर समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन तय किया जाना चाहिए
- स्टाफ को अपना टेम्परेचर रेगुलर चेक करना चाहिए। अगर वे बीमार महसूस करते हैं या फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए
- हर समय मास्क पहनना होगा और समय-समय पर कम से 20 से 40 सेकेंड तक हाथ धोते रहना होगा
- बैठने की व्यवस्था ऐसी हो कि स्टाफ में कम से कम 6 फीट की दूरी हो

दिशानिर्देशों में कहा गया है कि तमाम सावधानियों और प्रोटोकाल का पालन करने के बाद भी अगर कोई संक्रमित मिल जाता है तो प्रबंधन तुरंत उसे अलग कमरे या एरिया में रखेगा, ताकि दूसरे लोगों से उसका संपर्क नहीं हो। स्वास्थ्य विभाग ऐसे दफ्तरों या कार्यस्थलों पर जोखिम का आकलन करेगा। उसकी सलाह के आधार पर ही मरीज के इलाज, उसके संपर्क में आए दूसरे लोगों की जांच और दफ्तर को संक्रमण मुक्त करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।