शिवसेना नेता अब्दुल सत्तार ने छोड़ा मंत्री पद, संजय राउत ने दी ये प्रतिक्रिया

शिवसेना नेता अब्दुल सत्तार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। अब्दुल सत्तार राज्यमंत्री बनाए जाने और हल्का मंत्री पद दिए जाने से नाराज बताए जा रहे थे। सत्तार ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री ठाकरे को न भेजकर शिवसेना के एक नेता को भेजा है। कहा जा रहा है कि सत्तार ने इस्तीफे का पत्र पार्टी सचिव अनिल देसाई को भेजा है। इस घटना के बाद शिवसेना नेताओं ने सत्तार को मनाने की कोशिश शुरू कर दी है लेकिन अपने अपने इरादे पर अडिग रहने की बात कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि अब्दुल सत्तार को राज्य मंत्री बनाए जाने से शिवसेना के कई नेता खफा थे जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। आपको बता दे, उद्धव सरकार में हाला ही में 36 नए मंत्रियों ने शपथ ली थी, जिनमें एक उपमुख्यमंत्री, 25 कैबिनेट और 10 राज्य मंत्री शामिल हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने रिकार्ड बनाते हुए चौथी बार उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। अब्दुल सत्तार की इस कार्रवाई को दबाव की रणनीति बताई जा रही है। सत्तार इस बात पर नाराज थे कि उन्हें जूनियर मंत्रालय क्यों दिया गया।

अब्दुल सत्तार के इस्तीफे पर शिवसेना से राज्यसभा सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि अब्दुल सत्तार को पहली बार में ही मंत्रिमंडल में मौका दिया गया, वे पहले से शिवसैनिक नहीं हैं। उनका इस्तीफा मुख्यमंत्री और राजभवन नहीं भेजा गया है। भरोसा है कि सत्तार शिवबंधन नहीं छोड़ेंगे।

राउत ने यह भी कहा कि, कोई भी विभाग बड़ा या छोटा नहीं होता है। उन्होंने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि, वह 5 साल तक विपक्ष में रहेगी।

आपको बता दे, साल 2014 के बाद पहली बार मंत्रालय में चार मुस्लिम चेहरे आए हैं। शिवसेना के अब्दुल सत्तार नबी (राज्य मंत्री), एनसीपी के नवाब मलिक और हसन मुशरीफ और कांग्रेस के असलम शेख, इन सभी को कैबिनेट स्तर का पद दिया गया है।