140 करोड़ भारतियों का इंतजार खत्म, आ गया मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा, दिल्ली में उतरा विमान

मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा आखिरकार भारत पहुंच गया है। लंबे कानूनी संघर्ष और कई कोशिशों के बाद अमेरिका से उसे भारत लाया गया। उसे एक विशेष विमान के जरिए दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतारा गया, जहां भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की एक विशेष टीम उसके साथ मौजूद थी। अब कुछ ही देर में उस खूंखार आतंकी का चेहरा देश के सामने होगा और उसके अपराधों का हिसाब शुरू होगा। इस तरह देशवासियों का लंबे समय से चल रहा इंतजार अब खत्म हो गया है। तहव्वुर राणा को अब एनआईए अपनी हिरासत में लेगी और उसे दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां उसकी रिमांड की मांग की जाएगी। 64 वर्षीय तहव्वुर राणा को तिहाड़ जेल के हाई-सिक्योरिटी वार्ड में रखा जाएगा। आतंकी को रखने के लिए जेल प्रशासन ने पहले से ही सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं, ताकि सुरक्षा में कोई चूक न हो।

कौन है तहव्वुर राणा?


तहव्वुर हुसैन राणा, वर्ष 2008 में हुए मुंबई आतंकवादी हमलों का एक प्रमुख साजिशकर्ता माना जाता है। वह हमले के मुख्य अभियुक्त डेविड कोलमेन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का बेहद करीबी सहयोगी है। अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद राणा को एक विशेष चार्टर्ड विमान से भारत लाया गया। यह विमान बुधवार को रवाना हुआ था और गुरुवार दोपहर लगभग 2 बजे के बाद दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरा। इस हमले में 166 लोगों की जान गई थी और यह भारत के इतिहास में सबसे भयावह आतंकी हमलों में से एक रहा है।

भारत कैसे आया तहव्वुर राणा?

26/11 हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाना आसान नहीं था। अमेरिका से उसके प्रत्यर्पण के लिए वर्षों तक चली जटिल कानूनी प्रक्रिया के बाद आखिरकार सफलता मिली। सूत्रों के अनुसार, राणा को भारत लाने के लिए एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) ने संयुक्त रूप से रणनीति तैयार की थी। प्रत्यर्पण के बाद उसे सीधे एनआईए की हिरासत में लिया जाएगा। माना जा रहा है कि उसे आज ही दिल्ली की एक अदालत में पेश किया जाएगा, जहां जांच एजेंसी उसकी न्यायिक रिमांड की मांग करेगी।

तहव्वुर राणा पर क्या हैं आरोप?

तहव्वुर राणा पर गंभीर आपराधिक आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों में आपराधिक साजिश, भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना, हत्या, धोखाधड़ी, और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत केस दर्ज है। उसे 2008 मुंबई हमलों में उसकी भूमिका के लिए वांछित घोषित किया गया था। जांच एजेंसियों के मुताबिक, वह न केवल डेविड कोलमेन हेडली का सहयोगी रहा है, बल्कि उसके पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से भी गहरे संपर्क बताए जा रहे हैं। हालांकि, मुंबई पुलिस को फिलहाल उसके वहां स्थानांतरण को लेकर कोई आधिकारिक सूचना प्राप्त नहीं हुई है।