सावधान!! एक से ज्यादा बैंकों में अकाउंट खुलवाना, नुकसान का सौदा

एक से ज्यादा बैंकों में अकाउंट खुलवाना आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। दरहसल, अक्सर हम बिना किसी जरुरत के एक से ज्यादा बैंकों में अकाउंट खुलवा लेते है। परिणाम स्वरूप कुछ दिनों बाद हम उस अकाउंट को मेंटेन नहीं कर पाते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं एक से ज्‍यादा अकाउंट खोलने पर आपको कैसे उसका नुकसान उठाना पड़ता है।

रखना पड़ता है मि‍नि‍मम बैलेंस

सेविंग अकाउंट में बैंक की ओर से मि‍नि‍मम बैलेंस रखने का प्रावधान होता है। ऐसा न करने पर बैंक आपसे पेनल्टी वसूलता है। कई बैंकों में मि‍नि‍मम बैलेंस की सीमा 10,000 रुपए है। ऐसे में अगर आपके पास दो से ज्यादा अकाउंट हैं तो आपकी टेंशन बढ़ सकती है, क्योंकि आम आदमी के लिए सेविंग अकाउंट में 20,000 रुपए जमा रखना काफी मुश्किल है। अकाउंट को मेंटेन करने की सबसे बड़ी परेशानी का सामना नौकरीपेशा लोगों को ज्यादा उठाना पड़ता है। उनका एक सैलरी अकाउंट और दूसरा पर्सनल सेविंग अकाउंट होता है। ऐसी स्तिथि में दोनों अकाउंट में मि‍नि‍मम बैलेंस को मेन्टेन करना बड़ा मुश्किलों वाला साबित होता है।

टैक्स जमा करने में आती है दिक्कते

ज्यादा बैंकों में अकाउंट होने से टैक्स जमा करते समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कागजी कार्रवाई में भी अधिक माथापच्ची करनी पड़ती है। साथ ही इनकम टैक्स फाइल करते समय सभी बैंक खातों से जुड़ी जानकारियां रखनी पड़ती है। अक्‍सर उनके स्टेटमेंट का रिकॉर्ड जुटाना काफी पेचीदा काम हो जाता है।

भारी पड़ती है सालाना मेंटनेंस फीस और सर्विस चार्ज

कई अकाउंट होने से आपको सालाना मेंटनेंस फीस और सर्विस चार्ज देने होते हैं। क्रेडिट और डेबिट कार्ड के अलावा अन्य बैंकिंग सुविधाओं के लिए भी बैंक आपसे पैसे चार्ज करता है। तो यहां भी आपको काफी पैसों का नुकसान उठाना पड़ता है।

मिलता है कम ब्याज

एक से ज्यादा बैंकों में अकाउंट होने से आपको कम ब्‍याज के रूप में भी नुकसान उठाना पड़ता है। यानी एक से ज्‍यादा अकाउंट होने से आपका बड़ा अमाउंट बैंकों में फंस जाता है। उस राशि पर आपको ज्यादा से ज्यादा 4 से 5 फीसदी ही सालाना रिटर्न मिलता है। जबकि आप उस पैसे को दूसरी योजनाओं में लगा सकते हैं। इससे आपको सालाना रिटर्न के तौर पर ज्‍यादा ब्‍याज मि‍लेगा।