नई दिल्ली। गंगा जल का हिंदू धर्म में काफी महत्व है। पूजा-पाठ से लेकर तमाम धार्मिक कार्यों में गंगा जल का प्रयोग किया जाता है लेकिन अब इसी गंगा जल विवाद खड़ा हो गया है। विवाद गंगा जल पर जीएसटी लगाए जाने को लेकर है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर सरकार को घेरा तो केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने इस पर जवाब दिया है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट किया, “मोदी जी, एक आम भारतीय के जन्म से लेकर उसकी जीवन के अंत तक मोक्षदायिनी माँ गंगा का महत्त्व बहुत ज़्यादा है। अच्छी बात है की आप आज उत्तराखंड में हैं, पर आपकी सरकार ने तो पवित्र गंगाजल पर ही 18% GST लगा दिया है। एक बार भी नहीं सोचा कि जो लोग अपने घरों में गंगाजल मँगवाते हैं, उन पर इस का बोझ क्या होगा। यही आपकी सरकार के लूट और पाखंड की पराकाष्ठा है।”
अन्य लोगों की टिप्पणियांहरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने कहा है, ‘यह तो गंगा जल पर टैक्स लगा है, जिएगा तो टैक्स लगेगा, मरेगा तो टैक्स लगेगा, सांस लेगा तो टैक्स लगेगा, टैक्स पर टैक्स लगेगा।’ कांग्रेस नेत्री सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘हिंदुओं में जन्म से मरण मतलब गर्भाधान से लेकर अंत्येष्टि तक 16 संस्कार होते हैं और हर संस्कार में गंगाजल ज़रूर चाहिए। अब उस गंगा जल पर भी मोदी जी ने 18% GST लगा दिया इसलिए तो नहीं बुलाया होगा माँ गंगा ने, लेकिन इसलिए भगायेंगी अवश्य।’
वहीं सपा नेता अखिलेश यादव ने भी गंगाजल पर जीएसटी लगाए जाने पर ट्वीट किया था, “कभी कहा था… “माँ गंगा ने …” और अब गंगाजल पर ही 18%, ममता पर जीएसटी लगाने वाले कौन हैं ये लोग… कहां से आते हैं!?! अब क्या जीएसटी लगाने के लिए भाजपा सरकार का अगला निशाना ‘टीका-तिलक-चंदन’ और ‘गंगादर्शन’, ‘गंगा स्नान’ होगा। अब तो मुख्यमंत्री आवास धुलवाना भी महँगा हो जाएगा!”
CBIC ने दी सफाई
CBIC ने बताया, ‘देशभर के घरों में पूजा-पाठ में गंगाजल का उपयोग किया जाता है और यह एक पूजा सामग्री है, पूजा सामग्री पर जीएसटी नहीं है। 18/19 मई 2017 और 3 जून 2017 को जीएसटी परिषद की क्रमशः 14वीं और 15वीं बैठकों में पूजा सामग्री पर जीएसटी पर विस्तार से चर्चा की गई और उन्हें छूट सूची में रखने का निर्णय लिया गया। इसलिए, जीएसटी लागू होने के बाद से इन सभी वस्तुओं को छूट दी गई है।”