प्रयागराज के महाकुंभ में जहां संत-महात्माओं की उपस्थिति माहौल को दिव्यता से भर देती है, वहीं इस बार साध्वी राधिका वैष्णव विशेष चर्चा में हैं। महानिर्वाणी अखाड़े से जुड़ी साध्वी राधिका वैष्णव अपनी मोहिनी नाम की बिल्ली के साथ हर वक्त नजर आती हैं। मोहिनी केवल एक बिल्ली नहीं, बल्कि साध्वी के जीवन का अभिन्न हिस्सा है।
साधना और मोहिनी का साथसाध्वी राधिका वैष्णव हर पल मोहिनी के साथ रहती हैं, चाहे वह साधना का समय हो, कथा सुनाने का या फिर विश्राम का। साध्वी मोहिनी को स्नेह से दुलारती हैं और फुर्सत में उसके साथ खेलती हैं। इस अनोखे प्रेम के कारण साध्वी को लोग अब बिल्ली वाली साध्वी के नाम से जानते हैं। 2019 के कुंभ में साध्वी अपने साथ कई खरगोश लेकर आई थीं, लेकिन इस बार उन्होंने संगम के ठंडे मौसम में खरगोशों को लाने से परहेज किया। बावजूद इसके, मोहिनी का साथ कुंभ के श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
चित्रकूट से आई साध्वीमध्य प्रदेश के चित्रकूट धाम से प्रयागराज महाकुंभ में आई साध्वी राधिका वैष्णव अपने गुरु ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर कपिल देव दास जी महाराज की शिष्या हैं। सेक्टर 5 में उनके शिविर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। भागवत कथा को अनूठे अंदाज में सुनाने के लिए प्रसिद्ध साध्वी राधिका को पशु प्रेम के लिए भी पहचाना जाता है।
मोहिनी के प्रति गहरा जुड़ावसाध्वी का मानना है कि मोहिनी से उनका पिछले कई जन्मों का नाता है। उन्होंने कहा, 'मोहिनी ने अपने पिछले जन्म में कई पुण्य किए होंगे, तभी उसे इस महाकुंभ में मेरे साथ रहने का सौभाग्य मिला है।' श्रद्धालु भी मोहिनी को बेहद पसंद करते हैं। कई भक्त तो उसे केवल बिल्ली कहने पर नाराज हो जाते हैं।
महाकुंभ की चर्चित साध्वीसाध्वी राधिका वैष्णव न केवल अपनी सुंदरता और आवाज के लिए चर्चित हैं, बल्कि उनके शिविर में मोहिनी के साथ बिताए गए पल भी श्रद्धालुओं को आनंदित कर रहे हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि साध्वी का आशीर्वाद पाने के साथ मोहिनी के साथ समय बिताना एक अनोखा अनुभव है।