अब नहीं बढ़ेंगे टमाटर, प्याज-आलू के दाम, जाने सरकार का क्या है नया प्लान!

बीते साल प्‍याज 150 रुपये प्रति किलो से भी अधिक कीमत पर बिका। जिसकी वजह से सरकार को आलोचना का शिकार होना पड़ा था। लेकिन अब सरकार पहले से ही अलर्ट है और अगर अगर सबकुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में तीन प्रमुख सब्जियों-टमाटर, प्याज और आलू के दाम नहीं बढ़ेंगे। सरकार ने एक पोर्टल ‘मार्केट इंटेलिजेंस एंड अर्ली वॉर्निंग सिस्टम’ (एमआईईडब्ल्यूएस) की शुरुआत की है। इस पोर्टल की लॉन्‍चिंग खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने की।

इस पोर्टल की लॉन्‍चिंग पर हरसिमरत कौर ने बताया कि इसकी मदद से राज्‍य सरकार को समय रहते सतर्क किया जाएगा ताकि वह अलर्ट हो सके। उनके मुताबिक टमाटर, प्याज और आलू की कीमतें फसल आने के समय यदि 3 साल के निचले स्तर पर गिर जाती हैं या साल भर पहले के मुकाबले कीमत में 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आती हो तो पोर्टल में ‘अलर्ट’ शुरू हो जाएगा। इसके अलावा जब एक विशेष समयावधि में केन्द्र या राज्य सरकार द्वारा तय मानक से दरें कम होती हैं, तो ऐसी स्थिति में भी पोर्टल अलर्ट करेगा। सहकारी संस्था नेफेड ने इस पोर्टल को विकसित किया है।

बादल ने कहा कि ऑपरेशन ग्रीन्स योजना के तहत, सरकार ने उत्पादक केंद्रों में इन तीन फसलों के पांच क्लस्टरों का निर्माण करने के लिए 161 करोड़ रुपये के अनुदान को मंजूरी दी है। इन पांच क्लस्टरों की कुल लागत 425 करोड़ रुपये है और इससे 15,000 किसानों को लाभ होगा। तीन प्याज क्लस्टर महाराष्ट्र और गुजरात में बनेंगे, आलू और टमाटर के एक-एक क्लस्टर को क्रमशः गुजरात और आंध्र प्रदेश में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन पांच क्लस्टरों में 90,000 टन की भंडारण क्षमता होगी और 3.36 लाख टन की प्रसंस्करण क्षमता होगी।

नेफेड के अधिकारी एस के सिंह ने बताया कि इस पोर्टल में निजी कंपनी एग्रीवॉच की निगरानी वाली 128 मंडियों में इन तीन जिंसों की थोक कीमतों को दिखाया जायेगा और साथ ही एगमार्क द्वारा 1,200 मंडियों के आंकड़ों को दिखाया जाएगा। इस पोर्टल में आलू, प्याज और टमाटर की खेती करने वाले राज्यों के साथ ही इनकी ज्यादा खपत वाले राज्यों की मंडियों में भी कीमतों पर नजर रखी जायेगी। साथ ही इनकी बुआई और पैदावार संबंधी आंकड़े भी उपलब्ध होंगे।