मंगलवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD) ने सरकारी और वित्तपोषित तकनीकी शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों को 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों का लाभ देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। मंत्रालय ने इस उद्देश्य से 1241 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने कहा, 'इससे राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित संस्थानों के कुल 29,264 शिक्षकों तथा अन्य शैक्षणिक कर्मियों को सीधे लाभ होगा। इसके अलावा, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के दायरे में आने वाले निजी कॉलेजों या संस्थानों के करीब साढे तीन लाख शिक्षकों तथा शैक्षणिक कर्मियों को भी इस मंजूरी से लाभ मिलेगा।'
उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए बकाये के भुगतान हेतु इन संस्थानों द्वारा किए जाने वाले कुल अतिरिक्त खर्च के 50 प्रतिशत का वहन भी करेगी।'
मंत्री ने कहा कि इस कदम से प्रौद्योगिकी संस्थानों को उच्च शैक्षणिक मानकों के शिक्षकों को लुभाने और उन्हें बनाए रखने में मदद मिलेगी। हाल ही में महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली BJP सरकार ने अपने कर्मियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को स्वीकृति दी थी, जिन्हें 1 जनवरी, 2016 से लागू किया जाएगा। सरकार के इस फैसले से लगभग 17 लाख राज्य कर्मचारी लाभान्वित होंगे, तथा इस फैसले से राज्य सरकार पर 21,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। बताया गया है कि सातवां वेतन आयोग लागू होने के बाद कर्मचारियों को बढ़ा हुआ वेतन 1 फरवरी, 2019 को मिलेगा, तथा पिछले तीन वर्ष का भविष्य निधि (प्रॉविडेंट फंड या PF) का पैसा 1 जनवरी, 2016 से ही कर्मचारियों के PF खाते में जमा कर दिया जाएगा।