महाकुंभ 2025: मेले में अपनों से जुदा होने का डर नहीं, AI कैमरे करेंगे बिछड़े श्रद्धालुओं को ढूंढने में मदद

प्रयागराज में 13 जनवरी से 25 फरवरी 2025 तक आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले में करोड़ों श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। इतनी बड़ी भीड़ के बीच, अपनों से बिछड़ने की समस्या को हल करने के लिए इस बार अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का सहारा लिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र में हाई-टेक AI कैमरे और CCTV सिस्टम लगाए गए हैं, जो श्रद्धालुओं को उनके परिवारों से मिलाने में मदद करेंगे।

खास इंतजाम: खोया-पाया केंद्र और AI कैमरे

महाकुंभ मेले में इस बार 5 कंप्यूटराइज्ड खोया-पाया केंद्र स्थापित किए गए हैं। इसके साथ ही 328 AI कैमरे और 2,700 CCTV कैमरे 24 घंटे निगरानी के लिए लगाए गए हैं। इन कैमरों में फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे गुम हुए लोगों को उनके परिवार से मिलाने में आसानी होगी।

कैसे काम करेगा AI सिस्टम?

अगर कोई श्रद्धालु बिछड़ जाता है, तो वह खोया-पाया केंद्र में अपनी जानकारी दर्ज करा सकता है। इसके बाद AI कैमरे उनकी तस्वीर का उपयोग कर मेला क्षेत्र में उनकी खोज शुरू कर देंगे। खोजे गए लोगों को अस्थायी रूप से ठहरने के लिए 100 बेड वाला विशेष हॉल बनाया गया है। बच्चों के लिए खिलौनों और मनोरंजन की व्यवस्था के साथ अलग कमरे भी बनाए गए हैं।

मनोवैज्ञानिक और डॉक्टरों की टीम तैनात

बिछड़े हुए लोगों की मानसिक स्थिति का ध्यान रखने के लिए मनोवैज्ञानिकों की टीम और स्थानीय पुलिस भी तैनात की गई है। यह टीम काउंसलिंग के जरिए लोगों को शांत रहने और अपने परिजनों से मिलने का विश्वास दिलाएगी। महाकुंभ 2025 में टेक्नोलॉजी और सुरक्षा के इस समावेश से श्रद्धालुओं को न केवल सुविधा मिलेगी बल्कि एक सुरक्षित और यादगार अनुभव भी होगा।