
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने सोमवार, 5 मई को एक सख्त बयान देते हुए कहा कि उनका देश अपनी प्रतिष्ठा और नागरिकों की सुरक्षा के लिए पूरी ताकत से जवाब देगा। यह बयान उन्होंने रावलपिंडी स्थित जनरल हेडक्वार्टर (GHQ) में आयोजित 15वीं राष्ट्रीय कार्यशाला बलूचिस्तान के प्रतिभागियों के साथ बातचीत के दौरान दिया। यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच चुका है, जिसकी प्रमुख वजह हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमला है, जिसमें पाकिस्तान की संलिप्तता सामने आई है। इस घटना के बाद युद्ध की आशंका तक जताई जा रही है।
पाकिस्तानी सेना की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि जनरल मुनीर ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति का समर्थक है, लेकिन अगर उसकी संप्रभुता या क्षेत्रीय अखंडता पर आंच आई, तो वह अपनी राष्ट्रीय प्रतिष्ठा की रक्षा और लोगों की भलाई के लिए पूरी ताकत से जवाब देगा। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद किसी भी धर्म, संप्रदाय या नस्ल को नहीं पहचानता और इसे हराने के लिए राष्ट्र की एकता सबसे ज़रूरी है।
भारत सरकार का सख्त रुख22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है। इसके चलते कई अहम कूटनीतिक फैसले लिए गए हैं, जिनमें भारत-पाकिस्तान राजनयिक संबंधों में कटौती, सिंधु जल संधि को निलंबित करना और सीमा पार आवागमन को बंद करना शामिल है। इसके अलावा, सरकार ने सशस्त्र बलों को ‘फ्री हैंड’ दे दिया है जिससे वे अपने अनुसार कार्रवाई कर सकें। इन कदमों से पाकिस्तान में घबराहट की स्थिति बन गई है और वह बौखलाहट में परमाणु हमले तक की धमकी दे रहा है।
पहलगाम आतंकी हमला: एक बार फिर झकझोरा देश को22 अप्रैल को हुए इस आतंकी हमले में कुल 6 लोगों की जान गई, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे। यह हमला न सिर्फ घाटी में शांति बहाल करने के प्रयासों को चुनौती देता है, बल्कि 2019 के पुलवामा हमले के बाद से अब तक का सबसे गंभीर हमला माना जा रहा है। यह घटना बताती है कि सीमा से सटे इलाकों में अब भी सुरक्षा चुनौतियां कायम हैं और आतंकी गतिविधियां रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।
7 मई को होगा मॉक ड्रिल का आयोजनभारत सरकार के गृह मंत्रालय ने पहलगाम हमले के बाद उत्पन्न हुए हालातों को देखते हुए देश के कई राज्यों को 7 मई को मॉक ड्रिल आयोजित करने का आदेश दिया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस अभ्यास के तहत हवाई हमलों की स्थिति में सायरन बजाने, नागरिकों को सुरक्षा उपायों की जानकारी देने, ब्लैकआउट की प्रक्रिया, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और आपातकालीन निकासी योजनाओं का पूर्वाभ्यास करना शामिल है। यह अभ्यास किसी भी आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों का हिस्सा है।