प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के अद्भुत रंग देशभर में चर्चा का विषय बने हुए हैं। महाकुंभ में शामिल होने के लिए देश के हर कोने से लोग पहुंच रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं तमिलनाडु की राजलक्ष्मी नंदी, जिन्हें 'बुलेट रानी' के नाम से जाना जाता है। राजलक्ष्मी ने अपनी बुलेट पर सवार होकर 2000 किलोमीटर का सफर तय करने का संकल्प लिया है, जिसमें वह विभिन्न राज्यों से होकर महाकुंभ तक पहुंचेंगी। रविवार को कानपुर पहुंचने पर उन्होंने पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा, 'मैं अपनी बुलेट पर सनातन का झंडा लगाकर यह यात्रा कर रही हूं। मेरा उद्देश्य सनातन धर्म को बचाना और इसे बढ़ावा देना है। मेरे कदम इसके लिए निरंतर बढ़ते रहेंगे।'
2000 किलोमीटर की अनोखी यात्राराजलक्ष्मी नंदी अपने अनोखे अंदाज और साहसिक निर्णयों के लिए जानी जाती हैं। उनकी यह यात्रा सिर्फ महाकुंभ में भाग लेने तक सीमित नहीं है, बल्कि सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार का एक मजबूत संदेश भी है। उन्होंने इस यात्रा के दौरान 'चलो कुंभ, नहाओ कुंभ' का नारा देते हुए लोगों से महाकुंभ में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की।
भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म के प्रति आग्रहराजलक्ष्मी ने कहा, 'महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, यह भारतीय संस्कृति, आस्था और जीवन दर्शन को समझने का अवसर है। मेरी कामना है कि जो लोग इस संस्कृति से दूर हैं, वे भी कुंभ में आकर इसे करीब से समझें।'
सनातन बोर्ड बनाने की मांगराजलक्ष्मी नंदी ने अपनी यात्रा के दौरान सनातन धर्म के लिए एक समर्पित बोर्ड बनाए जाने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि यह बोर्ड सनातन धर्म को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, जितनी जल्दी सनातन बोर्ड बनेगा, उतना ही अच्छा रहेगा।
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने किया भव्य स्वागतकानपुर पहुंचने पर बुलेट रानी राजलक्ष्मी नंदा का बीजेपी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया। उनकी सनातन धर्म को बढ़ावा देने वाली इस अनोखी पहल की सभी ने प्रशंसा की। इस दौरान राजलक्ष्मी ने अपनी यात्रा के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा, 'यह यात्रा सनातन को सुदृढ़ करने और लोगों को जागरूक करने के लिए निकाली गई है। महाकुंभ के महत्व को समझाने और सनातन धर्म के प्रति प्रेरित करने के लिए मैं हर राज्य और शहर से होकर गुजर रही हूं।'
महाकुंभ के लिए जनजागरण यात्राराजलक्ष्मी ने इस यात्रा को एक जनजागरण का रूप देते हुए कहा, 'मेरा यह सफर लोगों को प्रेरित करने के लिए है। जब मैं 2000 किलोमीटर का सफर तय करके महाकुंभ में स्नान और उसकी दिव्यता का अनुभव करने जा रही हूं, तो आप भी अपने घरों से निकलकर इस अद्भुत आयोजन का हिस्सा बनें।'