
पूर्वोत्तर राज्यों में मई-जून की बारिश ने भारी तबाही मचाई है। मणिपुर, असम और सिक्किम के कई इलाके जलमग्न हो चुके हैं। मणिपुर में नदियां उफान पर हैं, जिससे हजारों घर डूब गए हैं। अब तक 3,000 से अधिक मकान बर्बाद हो चुके हैं और करीब 20,000 लोग विस्थापित हो चुके हैं। भूस्खलन से कई स्थानों पर सड़कें और मकान ध्वस्त हो गए हैं।
मणिपुर में नदियों का प्रकोप और भूस्खलनराज्य की इंफाल और इरिल नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है। कई स्थानों पर बांध टूटने से जलभराव की स्थिति बन गई है। भूस्खलन से 47 स्थानों पर नुकसान हुआ है, जिनमें कई घर मलबे में दब गए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविरों की व्यवस्था की गई है और सेना व SDRF की टीम लगातार राहत कार्य में जुटी हैं।
असम में भूस्खलन और पर्यटकों की मुसीबतअसम के पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन के कारण अब तक तीन जवानों की मौत हो चुकी है। कई गांव खाली कराए गए हैं और बाढ़ में करीब 4 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। 1,000 से अधिक पर्यटक भी बाढ़ के कारण फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के प्रयास जारी हैं। राजधानी गुवाहाटी सहित अन्य शहरी इलाकों में सड़कों पर जलभराव से आम जनजीवन ठप हो गया है।
सिक्किम में भारी नुकसान, 25 मौतेंसिक्किम में भी बारिश और भूस्खलन के चलते भारी जनहानि हुई है। अब तक 25 मौतों की पुष्टि हो चुकी है। प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है, लेकिन सुदूर क्षेत्रों तक पहुंचने में कठिनाई आ रही है।
दिल्ली और पहाड़ी राज्यों में अलर्टदिल्ली-NCR में भी मौसम विभाग ने तेज आंधी और बारिश का अलर्ट जारी किया है। पिछले कुछ दिनों से तेज हवाओं और बारिश के कारण दिल्ली की सड़कों पर जलभराव देखा जा रहा है। इसके अलावा, हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जैसे पहाड़ी राज्यों में भी मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है। 5 जून तक भारी बारिश की संभावना जताई गई है और यलो अलर्ट जारी किया गया है।