उज्जैन में महाकाल मंदिर तक पहुंचा कोरोना, पुजारी की मौत, सभी मंदिर बंद

महाकाल मंदिर के एक पुजारी की कोरोना से मौत होने और दो दूसरे पुजारियों के भी संक्रमित होने के चलते उज्जैन के सभी मंदिर बंद कर दिए गए हैं। राज्य में कोरोना संक्रमित लगातार बढ़ रहे हैं। महाकाल मंदिर में पंडे-पुजारियों ने स्व. चंद्र मोहन को श्रद्धांजलि दी। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को देखते हुए विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या को पहले से ही कम कर दिया गया है। आम और वीआईपी श्रद्धालुओं के लिए सिर्फ बैरेकेटिंग से ही दर्शन व्यवस्था रखी गई है। इसके बावजूद भी महाकाल मंदिर के तीन पुजारी और चार कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो गए। इसके बाद पिछले महीने संक्रमित हुए चंद्र मोहन पुजारी को इंदौर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन, आज उनकी मौत की दुखद खबर उज्जैन पंहुची।

वहीं, कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए महाकाल की पूजा-अर्चना शुरू कर दी गई है। श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा आयोजित 11 दिवसीय अनुष्ठान के दौरान 76 पंडित दो शिफ्ट में रोज महारुद्र महामृत्युंजय जाप करेंगे। मंदिर समिति के सहायक प्रशासक प्रतीक द्विवेदी ने बताया कि अनुष्ठान की पूर्णाहुति 19 अप्रैल को होगी। मंदिर समिति द्वारा कोरोना वायरस के पूरी तरह खात्मे और जनकल्याण के लिए सवा लाख महामृत्युंजय जाप का अनुष्ठान किया गया है। इस दौरान मंदिर में उपस्थित सभी पंडितों द्वारा कोरोना गाइडलाइंस का पालन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अनुष्ठान के दौरान बैरिकेड से दर्शनार्थियों की दर्शन की व्यवस्था यथावत चलती रहेगी।

बता दे, प्रदेश में बीते 24 घंटे में रिकॉर्ड 4,986 केस मिले हैं। 24 लोगों की मौत हुई है। सबसे ज्यादा इंदौर में 912 और भोपाल में 736 संक्रमित आए हैं। प्रदेश में एक्टिव केस 32 हजार से ज्यादा हैं। 52 जिलों में से 47 जिले ऐसे हैं, जहां 100 या उससे ज्यादा एक्टिव केस हैं। अप्रैल के पहले हफ्ते में ही 23 हजार संक्रमित बढ़े हैं। संक्रमण दर 13% से ज्यादा है। अगर संक्रमितों के बढ़ने की यही रफ्तार रही तो अप्रैल के अंत तक 90 हजार संक्रमित हो जाएंगे।

भोपाल के कोलार क्षेत्र में भी 9 दिन का लॉकडाउन लगाया गया है। सुबह से ही भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में सख्ती शुरू कर दी गई है। बाजार पूरी तरह से बंद हैं। सड़कों पर पुलिस तैनात है। जगह-जगह सड़कों पर बैरिकेडिंग की गई है। बेवजह सड़कों पर निकले लोगों को लौटाया जा रहा है। सिर्फ जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को ही जाने दिया जा रहा है।