मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में किसानों की कर्जमाफी का मुद्दा छाया रहा। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद ऐलान किया था कि किसानों के दो लाख रुपये तक के कर्ज को माफ कर देंगे। कुर्सी संभालते ही सीएम कमलनाथ ने किसानों की कर्जमाफी की फाइल पर हस्ताक्षर कर दिए। लेकिन अब इस मामले में कई तरह की परेशानियां सामने आ रही हैं। दरहसल, कुछ किसानों का कहना है कि उन लोगों ने लोन नहीं लिया है लेकिन उनके नाम कर्जमाफी की लिस्ट में है। इसके साथ ही कुछ किसान ऐसे हैं जिनका कहना है कि उनका कर्ज माफ जरूर हुआ है। लेकिन रकम की राशि सुनकर हैरत में पड़ जाएंगे। मालवा के रहने वाले निपानिया बैजनाथ का कहना है कि उनका नाम कर्जमाफी की लिस्ट में है लेकिन कर्ज के नाम पर 13 रुपए माफ हुए। सरकार को उनका 20 हजार रूपए के कर्ज को माफ करना चाहिए क्योंकि सरकार खुद कह चुकी है कि 2 लाख रुपये तक कर्ज माफ किए जाएंगे।
अब इस मुद्दे पर मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि इस तरह की खबरें आ रही हैं कि किसानों का 10, 20 या 50 रुपये का कर्ज माफ हुआ है, ये तो भद्दा मजाक है। बुधवार को उन्होंने कर्जमाफी की लिस्ट देखी थी आधा से अधिक नाम अंग्रेजी में थे। मध्य प्रदेश की अधिकांश जनता अंग्रेजी नहीं समझती है आखिर ये सब क्या हो रहा है।
ये बात अलग है कि मध्य प्रदेश के गृह मंत्री बाला बच्चन का कहना है कि ये बात सच है कि कुछ किसानों को महज 100 रुपए की राहत मिली है। लेकिन जिन लोगों को परेशानी है वो संबंधित अधिकारियों और बैंकों से मिलें। सरकार की तरफ से स्पष्ट आदेश है कि जिन किसानों ने तय समयसीमा के अंदर 2 लाख रुपए तक का लोन लेंगे उन्हें कर्जमाफी का फायदा मिलेगा।