पिछले कुछ समय से बीजेपी (BJP) के युवा नेता वरुण गांधी (Varun Gandhi) केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर आलोचक रहे हैं। कई मौकों पर उन्होंने सरकार पर अपरोक्ष हमला बोला, जिसके बाद ऐसी अटकलें लगाई जाने लगीं कि वह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से खफा हैं। वही इसी बीच एक और खबर सामने आ रही है कि हो सकता है वरुण बीजेपी (BJP) को छोड़ कांग्रेस (Congress) का दामन थाम सकते हैं, जिस पार्टी के आलाकमान से उनका पारिवारिक नाता है।
वरुण के कांग्रेस से जुड़ने की अटकलों को प्रियंका गांधी के दो दिन पहले बुधवार को राजनीति में आने के औपचारिक ऐलान के बाद और बल मिला, जिनके साथ उनके संबंध 'अच्छे' बताए जाते हैं। भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है। राहुल गांधी ने भुवनेश्वर में शुक्रवार को कहा कि वरुण गांधी के कांग्रेस में शामिल होने संबंधी अटकलों की खबरों की मुझे कोई जानकारी नहीं है।
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब दो दिन पहले उनकी बहन प्रियंका गांधी औपचारिक रूप से सक्रिय राजनीति में आई हैं और उन्हें लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में अहम जिम्मेदारी दी गई है। प्रियंका गांधी की राजनीति में एंट्री के बाद उनके चचेरे भाई वरुण गांधी के भी कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें तेज हैं। दरअसल, भुवनेश्वर में एक कार्यक्रम के दौरान एक सवाल कि क्या वरुण गांधी कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं, इसके जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि 'मैंने ये अटकलें नहीं सुनी हैं'। बता दें कि वरुण गांधी राहुल गांधी के चचेरे भाई हैं जो भारतीय जनता पार्टी से सांसद हैं। वरुण गांधी उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर का प्रतिनिधित्व करते हैं।
वरुण गांधी की मां केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी हैं जो मोदी सरकार में महिला और बाल विकास मंत्री हैं। गौरतलब है कि वरुण गांधी को लेकर अफवाहों का बाजार इसलिए भी गर्म है क्योंकि दो दिन पहले ही गांधी परिवार से एक और शख्स यानी प्रियंका गांधी का सक्रिय राजनीति में पदार्पण हुआ है। साथ ही पिछले कुछ समय से बीजेपी में भी वरुण गांधी काफी अलग-थलग चल रहे हैं। ऐसी खबरें हैं कि वरुण गांधी को बीजेपी में तरजीह नहीं दी जा रही है। इसकी बानगी पिछले साल विधानसभा चुनावों में भी देखने को मिला क्योंकि उन्होंने बीजेपी के लिए ताबड़तोड़ रैलियां भी नहीं की।