लोकसभा चुनावों के नतीजों से पहले राहुल का कार्यकर्ताओं को संदेश कहा - अगले 24 घंटे महत्वपूर्ण, सतर्क और चौकन्ना रहें, डरे नहीं

बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संदेश देते हुए कहा कि अगले 24 घंटे महत्वपूर्ण हैं। सतर्क और चौकन्ना रहें। डरे नहीं। आप सत्य के लिए लड़ रहे हैं। फर्जी एग्जिट पोल के दुष्प्रचार से निराश न हो। खुद पर और कांग्रेस पार्टी पर विश्वास रखें, आपकी मेहनत बेकार नहीं जाएगी।

लोकसभा चुनाव के 10 में से 9 एग्जिट पोल्स में एनडीए को बहुमत के अनुमान के बाद विपक्षी दल लगातार ईवीएम की सुरक्षा को लेकर सवाल उठा रहे हैं। ईवीएम को लेकर इतना हंगामा मचा हुआ है कि विपक्षी दल के नेता ईवीएम के लिए चौकीदार बन गए हैं। कई नेताओं ने कल अपने-अपने लोकसभा सीटों के स्ट्रॉन्ग रूम का दौरा किया। भोपाल से कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह कल रात स्ट्रॉन्ग रूम का जायजा लेने पहुंचे। यूपी के फतेहपुर सीकरी से कांग्रेस उम्मीदवार राज बब्बर ने भी स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा जांची। इसके अलावा मेरठ से महागठबंधन उम्मीदवार हाजी याकूब भी स्ट्रॉन्ग रूम का दौरा करने पहुंचे। जबकि बिहार के वैशाली में महागठबंधन उम्मीदवार शिवचंद्र राम तो स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर डेरा डालकर बैठे हुए हैं।

इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस, तेदेपा, तृणमूल और बसपा समेत 22 विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से मुलाकात की थी। विपक्ष ने मांग की कि वीवीपैट का मिलान वोटों की गिनती शुरू होने से पहले हो, ना कि बाद में। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा- अगर विधानसभा क्षेत्र के चुने गए 5 पोलिंग स्टेशनों में कहीं भी गड़बड़ी पाई जाती है तो सभी पोलिंग स्टेशनों पर 100% वीवीपैट पर्चियों का मिलान किया जाए।

ईवीएम सुरक्षित, गिनती पूरी होने तक सीसीटीवी कवरेज रहेगी- चुनाव आयोग

- चुनाव आयोग ने मंगलवार को कहा था कि लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल की गईं ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम में पूरी तरह सुरक्षित हैं।

- आयोग ने उन आरोपों को नकार दिया, जिनमें कहा जा रहा था कि 23 मई को वोटों की गिनती से पहले स्ट्रॉन्ग रूम में लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल की गई ईवीएम को नई ईवीएम से बदला जा रहा है।

- आयोग ने कहा था कि हम पूरे दावे के साथ और स्पष्ट रूप से उन रिपोर्टों को खारिज करते हैं, जिनमें ऐसे आरोप लगाए गए। ये झूठे और बेबुनियाद हैं। टीवी और सोशल मीडिया पर जो भी विजुअल दिखाए जा रहे हैं, उनका चुनाव में इस्तेमाल की गई ईवीएम से कोई संबंध नहीं है।

- गिनती पूरी होने तक सीसीटीवी कैमरा कवरेज किया जाएगा। केंद्रीय सशस्त्र सुरक्षा बल हर पल एक-एक स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा कर रहे हैं।

ओपी रावत ने कहा ईवीएम में छेड़छाड़ संभव नहीं

ईवीएम पर खूब सवाल उठ रहे हैं, लेकिन पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने कहा कि ईवीएम में छेड़ छाड़ और बदलना संभव ही नहीं है। नई ईवीएम में थोड़ी भी छेड़छाड़ करने से मशीन फैक्टी मोड में चली जाती है। इसलिए छेड़छाड़ संभव नहीं है।

विपक्षी नेताओं ने कई स्थानों पर स्ट्रांगरूम से ईवीएम के कथित स्थानांतरण से जुड़ी शिकायतों पर कार्रवाई की मांग की थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं कहा था ‘‘हमनें मांग की है कि वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान पहले किया जाए और फिर मतगणना की जाए। यह हमारी सबसे बड़ी मांग हैं।''

वहीं, बसपा के दानिश अली ने कहा था कि स्ट्रॉन्ग रूम को लेकर जो शिकायतें थीं वे हमने चुनाव आयोग के समक्ष रखी हैं। दरअसल, उत्तर प्रदेश का प्रशासन मनमानी कर रहा है क्योंकि भाजपा को पता है कि जनता का क्या फैसला दिया है। अब वे हेराफेरी करना चाहते हैं। तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने कहा था कि चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करे कि जनादेश के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हो। चुनाव आयोग का रुख करने से पहले विपक्षी नेताओं ने कांस्टीट्यूशन क्लब में बैठक की थी। विपक्षी नेताओं की बैठक में कांग्रेस से अहमद पटेल, अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद और अभिषेक मनु सिंघवी, माकपा से सीताराम येचुरी, तृणमूल कांग्रेस से डेरेक ओब्रायन, तेदेपा से चंद्रबाबू नायडू, आम आदमी पार्टी से अरविंद केजरीवाल, सपा से रामगोपाल यादव, बसपा से सतीश चंद्र मिश्रा एवं दानिश अली, द्रमुक से कनिमोई, राजद से मनोज झा, राकांपा से प्रफुल्ल पटेल एवं माजिद मेमन और कई अन्य पार्टियों के नेता शामिल हुए।

राहुल गांधी की परीक्षा
वहीं, एग्जिट पोल में कांग्रेस को उसके उम्मीद के मुताबिक सीटें नहीं मिलने का अनुमान जताया गया है, हालांकि जानकारों का मानना है कि पार्टी अगर 100 का आंकड़ा पार करती है तो यह उसके और अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए थोड़ी सहज स्थिति हो सकती है। वैसे, पिछले लोकसभा चुनाव में अर्श से फर्श पर पहुंचने के बाद इस बार सीटों का शतक लगाना कांग्रेस के लिए निश्चित तौर पर चुनौतीपूर्ण लक्ष्य है। दूसरी तरफ डेढ़ साल पहले पार्टी की कमान संभालने वाले राहुल की नेतृत्व क्षमता की परीक्षा भी है, हालांकि, पार्टी का मानना है कि कांग्रेस राहुल गांधी के नेतृत्व में काफी अच्छा प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस 2014 के आम चुनाव में 44 सीटों पर सिमट गई थी। वह पार्टी का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन था।