PM मोदी को जीत का पूरा भरोसा, 25 मई को हो सकती है कैबिनेट की बैठक

लोकसभा चुनाव की मतगणना से पहले सत्तारूढ़ और विपक्षी दल मंगलवार को आपसी चर्चा में व्यस्त रहे। एग्जिट पोलों में भाजपा नीत राजग के दोबारा सत्ता में आने की संभावनाएं जाहिर किए जाने के बीच अमित शाह ने एक बैठक की जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई वरिष्ठ केन्द्रीय मंत्रियों से मुलाकात की। इस बैठक में पीएम मोदी जीत के आत्मविश्वास से भरे हुए नजर आए। इस बैठक पीएम मोदी ने मंत्रियों से कहा कि लोगों के अपार जनसमर्थन से अब हमारी जिम्मेदारी और बढ़ गई है। 'आभार मिलन' नाम से आयोजित की गई इस बैठक के दौरान मोदी ने लोकसभा चुनाव के प्रचार को एक तीर्थयात्रा से जोड़ते हुए कहा कि यह चुनाव अन्य चुनाव से अलग रहा क्योंकि इसे अकेले पार्टी ने नहीं बल्कि जनता ने लड़ा। भाजपा ने प्रधानमंत्री के हवाले से कहा ‘‘मैंने कई चुनाव देखे हैं लेकिन यह चुनाव राजनीति से परे है। इसे जनता ने लड़ा। मैंने कई विधानसभा चुनाव और पिछले लोक सभा चुनाव में प्रचार अभियान में हिस्सा लिया है। इस दौरान देशभर का दौरा भी किया, इस बार का चुनाव प्रचार मुझे ऐसा लगा कि जैसे तीर्थयात्रा हो।''

एबीपी न्यूज़ के अनुसार बैठक में पीएम मोदी ने चुनाव नतीजे के बाद की प्रक्रिया के बारे में भी बताया। पीएम मोदी ने ये भी कहा कि नतीजे के बाद एक बार फिर 25 मई को कैबिनेट के बैठक की जरूरत पड़ेगी। पीएम मोदी के इस बयान से साफ है कि मोदी सरकार की अगली कैबिनेट की बैठक नतीजों से दो दिन बाद ही हो सकती है। इस कैबिनेट बैठक में 16वीं लोकसभा को भंग करने की औपचारिकता पूरी की जाएगी। इसके बाद एनडीए के नेता का चुनाव किया जाएगा।

पीएम मोदी ने लिया अर्थव्यवस्था का ताजा अपडेट

खबर यह भी है कि कल रात पीएम ने सरकार के बड़े अफसरों के साथ बैठक की। सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी ने अफसरों से देश की अर्थव्यवस्था का ताजा अपडेट लिया। चुनाव की तारीख का एलान होने के बाद पीएम ने पहली बार बड़े अफसरों को बुलाकर ऐसी बैठक की। सूत्र बता रहे हैं कि पीएम ने पहले ही मंत्रालयों और विभागों से अगले 100 दिन का एजेंडा मांगा हुआ है।

इस बैठक में एनडीए नेताओं ने उम्मीद जाहिर की कि एक्जिट पोल की तरह ही 23 मई को मतगणना के बाद केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व में मजबूत सरकार बनेगी। बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीसामी और एलजेपी प्रमुख रामविलास पासवान, शिवसेना के उद्धव ठाकरे शामिल हुए। बैठक में शिरोमणि अकाली दल का प्रतिनिधित्व पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और पार्टी नेता सुखबीर सिंह बादल ने किया।

वही दूसरी और एक्जिट पोल में अपने पक्ष में नतीजे नहीं आते देख विपक्षी नेताओं ने बैठक के दौरान किसी ठोस रणनीति पर चर्चा न करते हुए चुनाव परिणामों के आधार पर, भविष्य की रणनीति बनाने के लिए निरंतर संपर्क में बने रहने पर सहमति जताई।

विपक्षी नेताओं की बैठक में कांग्रेस से अहमद पटेल, अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद और अभिषेक मनु सिंघवी, माकपा से सीताराम येचुरी, तृणमूल कांग्रेस से डेरेक ओब्रायन, तेदेपा से चंद्रबाबू नायडू, आम आदमी पार्टी से अरविंद केजरीवाल, सपा से रामगोपाल यादव, बसपा से सतीश चंद्र मिश्रा एवं दानिश अली, द्रमुक से कनिमोई, राजद से मनोज झा, राकांपा से प्रफुल्ल पटेल एवं माजिद मेमन और कई अन्य पार्टियों के नेता शामिल हुए।