
जयपुर/उदयपुर/अजमेर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हृदयविदारक हमले के खिलाफ राजस्थान के विभिन्न शहरों में वकीलों का आक्रोश फूट पड़ा। उदयपुर, जयपुर और अजमेर में अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य से बहिष्कार, सड़कों पर उतरकर रैली व प्रदर्शन, और राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर आतंकियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की।
उदयपुर: मानव शृंखला और नारों से गूंजा चौराहाउदयपुर बार एसोसिएशन के नेतृत्व में वकीलों ने कोर्ट परिसर से रैली निकालते हुए दिल्ली गेट चौराहा जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने मानव शृंखला बनाकर आतंकवाद मुर्दाबाद और निर्दोषों की हत्या बंद करो जैसे नारों के साथ आक्रोश व्यक्त किया।
बार अध्यक्ष चंद्रभान सिंह शक्तावत ने कहा: यह हमला केवल पर्यटकों पर नहीं, बल्कि हमारे देश की आत्मा पर हमला है। जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती, हम काली पट्टी पहनकर विरोध जारी रखेंगे।
बाद में अधिवक्ताओं ने जिला कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसमें जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू करने और आतंकियों को कड़ी सजा देने की मांग की गई।
जयपुर: न्यायिक कार्य स्थगित, ज्ञापन में सर्जिकल स्ट्राइक की मांगजयपुर जिला कलेक्ट्रेट परिसर में वकीलों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए राजस्व कार्य स्थगित किए और एडीएम प्रथम विनीता सिंह को राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन अध्यक्ष गजराज सिंह राजावत ने कहा: यह हमला निर्दोष नागरिकों पर नहीं, देश की अस्मिता पर हमला है। सरकार को आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने चाहिए।
महासचिव नरेंद्र सिंह राजावत ने भी तीखा बयान देते हुए कहा: जो आतंकवादी इस हमले के पीछे हैं, उन्हें चुन-चुनकर मारा जाना चाहिए। यह वक्त चुप रहने का नहीं, जवाब देने का है।
अजमेर: चेतावनी के स्वर—देश अब चुप नहीं रहेगाअजमेर के रेवेन्यू बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने भी बुधवार को कार्य बहिष्कार करते हुए जिला कलेक्टर लोकबंधु को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान वकीलों ने कहा कि: निर्दोष पर्यटकों पर हमला एक कायराना और अमानवीय कृत्य है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
बार अध्यक्ष नरेंद्र सिंह राजावत ने घटना को देश की आत्मा पर हमला बताते हुए कहा कि सरकार को आतंकियों की जड़ तक सफाई करनी चाहिए।
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें:• हमले के दोषियों की त्वरित पहचान और सख्त कार्रवाई
• जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की सुरक्षा हेतु कड़े इंतजाम
• शहीदों के परिजनों को आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी
• आतंकवाद के खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ लागू करना
देशभर में उठ रही एकजुट आवाज़गौरतलब है कि पहलगाम के इस आतंकी हमले में अब तक 27 पर्यटकों की मौत हो चुकी है, जिनमें दो विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। हमले में 20 से अधिक लोग घायल हैं। मारे गए लोग देश के विभिन्न राज्यों से थे, जो कश्मीर की खूबसूरती देखने आए थे।
राजस्थान के अधिवक्ताओं का यह प्रदर्शन केवल विरोध नहीं, एक चेतावनी भी है—कि अब देश आतंकवाद के खिलाफ मौन नहीं रहेगा। जगह-जगह गूंजे भारत माता की जय और आतंकवाद मुर्दाबाद के नारे इसी जन भावना का प्रतीक हैं।