BJP ने धर्म के नाम पर झूठ बोला, जनता का विश्वास खोया, इसलिए हारी चुनाव : गोवर्धन पुरी शंकराचार्य

विधानसभा चुनावों में बीजेपी के खराब प्रदर्शन के बाद विपक्षी पार्टियां आगामी लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को मात देने की रणनीतियां बनाने में जुट गई हैं। वहीं गुरुवार को कुम्भ मेला क्षेत्र में सेक्टर 13 में शिविर का भूमि पूजन करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए गोवर्धन पुरी शंकराचार्य स्वामी अधोक्षानंद महाराज ने इन चुनावों में बीजेपी की हार का कारण 'धर्म के नाम पर पार्टी की ओर से बोले गए झूठ' को बताया है। स्वामी अधोक्षानंद महाराज ने कहा 'धर्म को लेकर झूठ बोलने से शासकों ने जनता का विश्वास खो दिया। बीजेपी ने जितनी बातें की थीं, उनमें से किसी पर भी अमल नहीं हुआ।' उन्‍होंने यह भी कहा कि यहां लोग भूखे-प्यासे रह सकते हैं, लेकिन धर्म के नाम पर झूठ बर्दाश्त नहीं कर सकते। सरकारी परियोजनाओं पर सवाल उठाते हुए उन्‍होंने कहा, 'गंगा के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। हर क्षेत्र से लोग यहां (कुम्भ मेला) आएंगे। वे यह जानते हुए भी यहां एक महीने कल्पवास करेंगे और गंगा जल से स्नान कर उसे पिएंगे कि गंगा का जल प्रदूषित है। उस गंगा के लिए भी झूठ बोला गया।'

राम मंदिर पर जारी सियासत के बीच शंकराचार्य ने कहा, 'राम मंदिर पर निर्णय नहीं हो पा रहा है, यह बात साधु-संतों, श्रद्धालुओं के हृदय में चुभ रही है।' बीजेपी पर हमलावर स्‍वामी अधोक्षानंद ने कहा, 'आपने (बीजेपी) आजादी के बाद से राम मंदिर का राग अलापा... पहले बहुमत नहीं होने की बात कहकर बच निकलते थे। अब पूर्ण बहुमत की सरकार होने पर भी कुछ नहीं किया।'

BJP को सत्ता से बाहर करने का कारण बनेगा 'राम मंदिर' : शिवसेना

वही बृहस्पतिवार को शिवसेना ने भी भाजपा पर अयोध्या मुद्दे को लेकर हमला बोलते हुए कहा कि राम मंदिर निर्माण पार्टी के लिए एक और ‘जुमला’ बन गया है और यह मुद्दा उसे सत्ता से बाहर करने का कारण बनेगा। पार्टी ने कहा कि हाल में तीन राज्यों में चुनावी हार से भाजपा जागी नहीं है तथा आर एस एस सरसंघचालक मोहन भागवत ने भगवद गीता के उपदेशों के संदर्भ में जो कुछ भी कहा, पार्टी उससे सीख लेने को तैयार नहीं है।

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा, ‘‘श्री (मोहन) भागवत ने भगवद गीता का हवाला देते हुए कहा, ‘जो मैं करता हूं वही अच्छा। मैंने किया, मैंने किया, मैंने किया, ऐसा अहंकार करनेवाले किस काम के?’ उन्होंने भाजपा के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत दिया है।’ शिवसेना ने कहा, ‘लेकिन इसका क्या फायदा? यह सरकार तो तीन राज्यों में मिली हार के बावजूद कुंभकर्ण की तरह नींद से उठने को तैयार नहीं है।’ शिवसेना ने कहा कि पूरा देश मंदिर निर्माण चाहता है। यही वजह है कि 2014 में भाजपा को वोट मिला। पार्टी ने कहा, ‘हालांकि ऐसा लगता है कि यह मुद्दा भी पार्टी के लिए एक और ‘जुमला’ बन गया है। इसकी ‘सत्ता से वापसी’ की यात्रा अब शुरू हो गयी है।’ भाजपा पर तंज कसते हुए संपादकीय में लिखा गया है, ‘भगवान राम के अच्छे दिन कब आयेंगे, जो 25 बरस से खुले तंबू में रह रहे हैं जबकि सत्ता पर बैठे लोग अपनी कुर्सियां गर्म कर रहे हैं।’