जयपुर: मकर संक्रांति पर पतंगबाजी के दौरान पक्षियों की सुरक्षा के लिए एडवायजरी जारी - NGT आदेशों की अनुपालना जरूरी

जयपुर। पशुपालन, गोपालन और डेयरी विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने मकर संक्रांति के मौके पर पतंगबाजी के दौरान पक्षियों की सुरक्षा और आमजन की सुरक्षा को लेकर प्रदेश के सभी जिलों के लिए एडवायजरी जारी की है। अपने पत्र में उन्होंने जिला कलक्टरों से आग्रह किया है कि इस पर्व के दौरान पतंगबाजी से होने वाले खतरे को गंभीरता से लिया जाए।

डॉ. शर्मा ने बताया कि पतंगबाजी के दौरान दोपहिया वाहन चालकों और पक्षियों को जान का खतरा हो सकता है, विशेष रूप से जब मांझा अत्यधिक धारदार, नायलॉन या सिंथेटिक सामग्री से बना हो। यह मांझा लोहे और कांच के पाउडर से लेपित होने के कारण जानलेवा हो सकता है। इसके अलावा, ऐसे मांझे विद्युत तारों के संपर्क में आने पर बिजली के झटके का कारण बन सकते हैं, जिससे दुर्घटनाएं हो सकती हैं और विद्युत आपूर्ति में भी रुकावट हो सकती है।

आगे, डॉ. शर्मा ने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशों का पालन करते हुए नायलॉन और सिंथेटिक सामग्री से बने चायनीज और गैर-बायोडिग्रेडेबल मांझों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए। इसके निर्माण, भंडारण और विक्रय पर भी तुरंत रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं। उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

इसके अलावा, डॉ. शर्मा ने आमजन से अपील की कि वे बायोडिग्रेडेबल धागों का ही उपयोग करें और इस संबंध में स्कूलों, कॉलेजों और स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जाए। मकर संक्रांति के दौरान घायल पक्षियों का इलाज कराने के लिए सभी जिलों में चिकित्सा शिविर आयोजित किए जाएंगे, और इसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए जाएंगे।