झारखंड मंत्री आलमगीर आलम ED की गिरफ्त में, जाँच में सहयोग नहीं कर रहे थे

रांची। झारखंड के विकास मंत्री और कांग्रेस के नेता आलमगीर आलम को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार (15 मई) को गिरफ्तार कर लिया। उन पर पूछताछ के दौरान सहयोग न करने का आरोप लगा है। ईडी ने आलमगीर आलम को आज भी पूछताछ के लिए बुलाया था। सूत्रों की मानें तो पूछताछ में सहयोग नहीं करने पर गिरफ्तार किया गया।

दरअसल, आलमगीर आलम के सचिव के नौकर के घर पर 37 करोड़ रुपये से ज्यादा का कैश बरामद हुआ था, इसी सिलसिले में ईडी उनसे पूछताछ कर रही थी और जब ईडी को लगा कि कांग्रेस नेता जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले मंगलवार को आलम के साथ ईडी ने 10 घंटे तक पूछताछ की थी। 70 साल के आलम को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपना बयान दर्ज करने के लिए मंगलवार को रांची में ईडी के जोनल कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया था।

यह छापेमारी झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व चीफ इंजीनियर वीरेंद्र के राम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चल रही जांच के सिलसिले में थी, जिन्हें पिछले साल गिरफ्तार किया गया था। छापेमारी के दौरान, बेहिसाब नकदी को गिनने के लिए कई नोट गिनने वाली मशीनें भी लाई गईं। बरामद किए गए कैश में ज्यादातर 500-500 के नोट थे। इसके अलावा, एजेंसी के अधिकारियों ने जहांगीर आलम के फ्लैट से कुछ आभूषण भी बरामद किए।


ईडी राज्य के ग्रामीण विकास विभाग में कथित अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है।एजेंसी की कम से कम सात टीमों ने छापेमारी में बड़ी रकम बरामद की थी। ईडी अधिकारियों के मुताबिक, ये बरामदगी बड़े पैमाने पर रांची पहाड़ी के पास जहांगीर आलम के आवास से हुई थी। ईडी ने कहा था कि मामले में वरिष्ठ नौकरशाहों और राजनेताओं के नाम सामने आए हैं जिसकी जांच की जा रही है।