रांची। देश भर के राज्यों की सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक मामलों से परेशान हैं। अब राज्य सरकारें अपने स्तर पर इसे रोकने के लिए कानून बनाने जा रही हैं। इनमें झारखंड सरकार ने तो पूरी तैयारी कर ली है। विधानसभा में पास हुए कानून को झारखंड राज्य के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने मंजूरी दे दी है। अब सरकार के अधिसूचना जारी करते ही कानून बन जाएगा। नए कानून के मुताबिक किसी व्यक्ति के पकड़े जाने पर 10 साल तक की सजा और 10 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। नए कानून में क्या-क्या?
इस कानून का नाम झारखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम निवारण के उपाय) अधिनियम, 2023 होगा। इसमें पेपर लीक को रोकने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। इस कानून के मुताबिक प्रतियोगी परीक्षा में कोई अभ्यर्थी पहली बार नकल करते हुए पकड़ा जाता है तो उसे एक वर्ष की जेल होगी और पांच लाख रुपए का जुर्माना लगेगा। अगर उसे दूसरी बार पकड़ा गया तो तीन साल की सजा और 10 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इतना ही नहीं कोर्ट द्वारा सजा होने पर ऐसे अभ्यर्थी के 10 साल तक किसी प्रतियोगी परीक्षा में सम्मिलित होने पर भी रोक रहेगी
बिना प्रारम्भिक जांच के FIR और गिरफ्तारी
नए कानून में नकल और पेपर लीक से जुड़े किसी भी मामले में बिना प्रारंभिक जांच के एफआईआर और गिरफ्तारी का प्रावधान किया गया है। इतना ही अगर कोई शख्स पेपर लीक को लेकर भ्रामक सूचनाएं प्रचारित करता पाया गया तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। ये कानून राज्य की राज्य कर्मचारी चयन आयोग, भर्ती एजेंसियों, राज्य लोक सेवा आयोग, निगमों और निकायों द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षाओं में लागू होगा। इसमें 2 करोड़ से 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है। जुर्माना न देने पर तीन साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।