कश्मीर का भविष्य अंधेरे में डालने वाले अलगाववादियों के बच्चे विदेश में सेटल, बना रहे है अपना करियर

जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी नेता लगातार युवाओं को भटकाते रहते हैं। कश्मीरी युवाओं के हाथों में किताबों की जगह बंदूक और पत्थरबाजी को बढ़ावा और स्कूल-कॉलेजों में आग लगाने के अलावा इन अलगाववादी नेताओं के पास और कोई काम नहीं है। अलगाववादी नेता ही सबसे बड़े कारण हैं जिनकी वजह से स्थानीय युवा विरोध करने के लिए सड़कों पर दिखते हैं और देशविरोधी नारेबाजी करते हैं। कश्मीर के युवाओं का भविष्य अँधेरे में डालने वाले इन अलगाववादी नेताओं के बच्चे विदेशों में पढाई करके अपना भविष्य संवार रहे हैं। गृह मंत्रालय ने उन अलगाववादी नेताओं की लिस्ट जारी की है, जिनके बच्चे विदेश में पढ़ते हैं। इस लिस्ट में 112 अलगाववादी नेता है जिनकें 220 विदेश में रहते हैं और वहा पढाई करते है। इस लिस्ट को देखकर आप हैरान हो जाएंगे।

- निसार हुसैन (वहीदत ए इस्लामी) का बेटा और बेटी ईरान में रह रहे हैं। बेटी ईरान में ही नौकरी करती है।

- तहरीक-ए-हुर्रियत के चेयरमैन अशरफ सेहराई के 2 बेटे खालिद और आबिद अशरफ सऊदी अरब में काम करते हैं और वहीं बसे हैं।

- बिलाल लोन के बेटी-दामाद ब्रिटेन में रहते हैं हैं और उनकी छोटी बेटी ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर रही है।

- जमात-ए-इस्लामी के सदर गुलाम मुहम्मद बट का बेटा सऊदी अरब में डॉक्टर है।

- जीएम। भट्ट (आमिर ए जमात) का बेटा सऊदी अरब में डॉक्टर है।

- आसिया अंद्राबी (दुख्तरान-ए-मिल्लत) के दोनों बेटे विदेश में हैं। एक मलेशिया में पढ़ाई कर रहा है और दूसरा बेटा ऑस्ट्रेलिया में पढ़ रहा है।

मोहम्मद शफी रेशी (DPM) का बेटा अमेरिका में पीएचडी कर रहा है।

- अशरफ लाया (तहरीक ए हुर्रियत) की बेटी पाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है।

- जहूर गिलानी (तहरीक ए हुर्रियत) (सैयद अली शाह का दामाद) का बेटा सऊदी अरब में एयरलाइंस में काम करता है।

- मीरवाइज उमर फारूक (हुर्रियत के चेयरमैन) की बहन अमेरिका में रहती है।

- मोहम्मद युसूफ मीर और फारूक गपतुरी (मुस्लिम लीग) की बेटियां पाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है।

आपको बता दें कि ये उन नेताओं की लिस्ट है जो अलग कश्मीर के नाम पर घाटी में हिंसा को बढ़ावा देते हैं। युवाओं को हिंदुस्तान के खिलाफ भड़काते हैं और देशविरोधी हरकतें करवाते हैं। यही नेता अक्सर कश्मीर में बंद भी बुलाया करते हैं।

हालांकि, इस वक्त इनमें से कई नेता नज़रबंद हैं या फिर हिरासत में हैं। कई नेताओं को दी गई सरकारी सुरक्षा को केंद्र सरकार ने वापस भी ले लिया है। हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में ऐलान किया था कि मोदी सरकार ने अलगाववादियों को दी गई सुरक्षा वापस ले ली है। पहले सिर्फ देश विरोधी बातें करने पर ही सुरक्षा दे दी जाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।