सोमवार को जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पुलवामा जिले (Pulwama) में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में 55 राष्ट्रीय राइफल्स के मेजर सहित 4 जवान शहीद हो गए हैं। सेना ने इसकी पुष्टि कर दी है। एक नागरिक के भी मरने की खबर है। पुलवामा में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। एरिया को घेर लिया गया है। 55 RR, पुलिस और सीआरपीएफ का संयुक्त ऑपरेशन जारी है। ये मुठभेड़ पुलवामा के पिंगलीना में चल रही है। मुठभेड़ में मेजर डीएस डौंडियाल शहीद हुए हैं। उनके अलावा हेड कॉन्स्टेबल सेवा राम, अजय कुमार और हरि सिंह भी शहीद हो गए। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने रात में दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में पिंगलान इलाके की घेराबंदी की और तलाश अभियान शुरू किया।
सेना के तलाश अभियान के दौरान आतंकवादियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे मुठभेड़ शुरू हो गई। ऐसा बताया जा रहा है कि गोलीबारी में एक आम नागरिक की भी मौत हुई है लेकिन अभी तक इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है। इलाके में अब भी अभियान जारी है।
मुठभेड़ में पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड ढेरसूत्रों के मुताबिक, इस मुठभेड़ में पुलवामा अटैक का मास्टरमाइंड और जैश ए मोहम्मद का कमांडर कामरान उर्फ गाज़ी और एक स्थानीय आतंकी हिलाल अहमद ढेर हो गया है। हालांकि इस खबर की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। जैश का टॉप कमांडर ग़ाज़ी IED एक्सपर्ट बताया जाता है। जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर अपने भतीजे के जरिए घाटी में आतंकी हरकतों को अंजाम देता था, लेकिन पिछले साल ऑपरेशन ऑलआउट के दौरान सुरक्षाबलों ने उसे मार गिराया था। जिसके बाद से ही मसूद अजहर ने कश्मीर की जिम्मेदारी ग़ाज़ी को दी थी। कामरान कश्मीर घाटी में जैश-ए-मोहम्मद का सबसे बड़ा कमांडर है। इस मुठभेड़ में 55 राष्ट्रीय राइफल्स के एक मेजर समेत चार जवान शहीद हो गए हैं। जिस जगह ये मुठभेड़ चल रही है वो 14 फरवरी को सीआरपीएफ की बस पर हुए हमले वाली जगह से करीब 14 किलोमीटर दूर है। एक आम नागरिक के भी मारे जाने की खबर है।
आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीदगौरतलब है कि 14 फरवरी यानी गुरुवार को पुलवामा में ही सीआरपीएफ के काफिले पर फिदायीन हमला हुआ था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे और कई अन्य घायल हुए थे। इस घटना के बाद सेना और सुरक्षाबल एक्शन में हैं। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। पाकिस्तानी संगठन की तरफ से हमले की जिम्मेदारी लेने के बाद भारत ने पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करने की कोशिशें तेज कर दी है। दो दिन पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ट्विटर पर जानकारी दी थी कि पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस ले लिया गया है और इस फैसले के साथ ही पाकिस्तान से आने वाले सामानों पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर 200 प्रतिशत कर दिया गया है। दूसरी तरफ, पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मीरवाइज उमर फारूक (Mirwaiz Umar Farooq) समेत पांच अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली है। अधिकारियों ने बताया कि मीरवाइज के अलावा, अब्दुल गनी भट, बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी एवं शबीर शाह को दी गई सुरक्षा वापस ले ली गई है। हालांकि, आदेश में पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी सैयद अली शाह गिलानी का जिक्र नहीं है।