'जो हमें जोड़े, साथ लाये वही योग है', जानें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर PM मोदी के भाषण की कुछ खास बातें

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) के मौके पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि छठे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की आप सभी को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस एक प्रकार से एकजुटता का दिन है। यह विश्व बंधुत्व के संदेश का दिन है। कोरोना के इस संकट के दौरान दुनियाभर के लोगों का इसे लेकर उत्साह बना है। आपको बता दे, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत 21 जून 2015 को हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 दिसंबर 2014 को प्रस्ताव के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून 2015 को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया था। इस साल के योग दिवस की थीम ‘योगा फॉर हेल्थ, योगा फ्रॉम होम' रखी गई है।

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आइए जानें पीएम मोदी के संबोधन की कुछ खास बातें...

-जो हमें जोड़े, साथ लाए वही योग है। जो दूरियों को खत्म करे, वही योग है। कोरोना के इस संकट के दौरान दुनिया भर के लोगों का My Life - My Yoga वीडियो ब्लॉगिंग कंपटीशन में हिस्सा लेना, दिखाता है कि योग के प्रति उत्साह कितना बढ़ रहा है।

-आज हम सामूहिक कार्यक्रमों से दूर रहकर घर पर ही परिवार के लोगों के साथ योग कर रहे हैं। जब परिवार के सब लोग एक साथ जुटते हैं, तो एक ऊर्जा का संयोग होता है। यह फैमिली बॉन्डिंग को भी बढ़ाने का भी दिन है। जो हमें जोड़े, साथ लाये वही तो योग है, जो दूरियों को खत्म करे, वही तो योग है।

-स्वामी विवेकानंद कहते थे- 'एक आदर्श व्यक्ति वो है जो नितांत निर्जन में भी क्रियाशील रहता है, और अत्यधिक गतिशीलता में भी सम्पूर्ण शांति का अनुभव करता है।' किसी भी व्यक्ति के लिए ये एक बहुत बड़ी क्षमता होती है।

-योग का अर्थ ही है- ‘समत्वम् योग उच्यते’। अर्थात, अनुकूलता-प्रतिकूलता, सफलता-विफलता, सुख-संकट, हर परिस्थिति में समान रहने, अडिग रहने का नाम ही योग है।

-गीता में भगवान कृष्ण ने योग की व्याख्या करते हुए कहा है-‘योगः कर्मसु कौशलम्’। अर्थात्, कर्म की कुशलता ही योग है।

-हमारे यहां कहा गया है- युक्त आहार विहारस्य, युक्त चेष्टस्य कर्मसु, युक्त स्वप्ना-व-बोधस्य, योगो भवति दु:खहा

अर्थात्, सही खान-पान, सही ढंग से खेल-कूद, सोने-जागने की सही आदतें, और अपने काम को सही ढंग से करना ही योग है।

-हमारे यहां निष्काम कर्म को बिना किसी स्वार्थ के, सभी का उपकार करने की भावना को भी कर्मयोग कहा गया है। कर्मयोग की ये भावना भारत के रग रग में बसी हुई है। एक सजग नागरिक के रूप में हम परिवार और समाज के रूप में एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे। हम प्रयास करेंगे कि घर पर योग और परिवार के साथ योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।हम जरूर सफल और विजयी होंगे।

-कोरोना वायरस हमारे श्वसन तंत्र पर अटैक करता है। प्राणायाम से इस तंत्र को मजबूत करने में सबसे ज्यादा मदद मिलती है। अगर आप प्राणायाम जानने वालों से मिलेंगे तो बताएंगे कि इसके कितने प्रकार हैं। अनुलोम-विलोम, भ्रामरी आदि। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।

-योग एकता के लिए एक शक्ति के रूप में उभरा है और मानवता के बंधनों को मजबूत करता है। इसमें भेदभाव नहीं है। यह जाति, रंग, लिंग, विश्वास और राष्ट्रों से परे है। कोई भी योग को अपना सकता है।