एयर स्ट्राइक कितनी सफल! इन 6 बातों से पता चलता है

पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकी ठिकानों को तबाह करने के लिए भारत द्वारा की गई एयर स्ट्राइक पर देश के भीतर और बाहर दोनों जगह घमासान मचा हुआ है। पाकिस्तान इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है कि उसका कुछ नुकसान हुआ है तो वही देश में विपक्ष सरकार से तबाही का सबूत मांग रही है। विपक्ष सरकार से हमले में मारे गए आतंकियों की संख्या मांग रहा है जिसपर सरकार द्वारा अलग अलग ब्यान सामने आ रहे है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का कहना है कि हमले में 250 आतंकी मारे गए। पूर्व सेना प्रमुख और केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा है कि भारतीय वायुसेना के हमले में 250 आतंकी मारे गए हैं। वही राजनाथ सिंह का कहना है कि हमले के दौरान बालाकोट में 300 मोबाइल फोन सक्रिय थे, क्या ये मोबाइल फोन पेड़ इस्तेमाल कर रहे थे। विपक्ष पर हवाई हमले को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए गृह मंत्री ने कहा कि अगर कांग्रेस यह जानना चाहती है कि कितने आतंकवादी मारे गए हैं तो वह पाकिस्तान जाकर शवों को गिन सकती है। वही पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह का कहना है कि ''रात 3:30 बजे मच्छर बहुत थे, तो मैंने HIT मारा। अब मच्छर कितने मारे, ये गिनने बैठूं, या आराम से सो जाऊं?'' इन सब आवाजों के बीच बीते दिनों में कुछ बातें ऐसी निकल कर सामने आई हैं, जो इस बात की गवाही देती हैं कि वायुसेना की एयरस्ट्राइक से आतंक के अड्डे तबाह तो जरूर हुए हैं।

- नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (NTRO) के सर्विलांस से खुलासा हुआ है कि जब बालाकोट में भारतीय वायुसेना ने एयर स्ट्राइक की, उस समय वहां पर 300 से ज्यादा मोबाइल फोन एक्टिव थे। इससे साफ होता है कि भारतीय वायुसेना ने जिस समय बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के कैंपों पर हमला किया, उस समय वहां पर 300 आतंकी मौजूद थे। इसके अलावा बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के कैंप में 300 आतंकियों के मौजूद होने की जानकारी RAW ने भी उपलब्ध कराई थी।

- वायुसेना ने एयरस्ट्राइक ने बयान दिया कि हमें जो टारगेट मिला था, हमने उसे ध्वस्त किया है। वायुसेना का मिशन 100 फीसदी सफल रहा है। एयरफोर्स बीएस धनोआ ने कहा कि "लक्ष्य के बारे में विदेश सचिव ने अपने बयान में विस्तार से बताया था। अगर हम किसी लक्ष्य पर निशाना साधने की योजना बनाते हैं, तो हम उसे निशाना बनाते हैं, वरना क्यों उन्होंने (पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने) जवाब दिया होता। अगर हमने जंगल में बम गिराए होते, तो वह क्यों जवाब देते...? "

- बालाकोट में जिस जगह कार्रवाई की गई वहां पर जैश-ए-मोहम्मद का मदरसा था। मदरसा तालीम-उल-कुरान के छात्र ने इस बात की पुष्टि भी की थी कि उन्होंने 26 फरवरी की सुबह वहां पर धमाके सुबह थे, जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था। पाकिस्तानी सेना ने एयरस्ट्राइक के ठीक बाद वर्ल्ड मीडिया को बालाकोट ले जाने का न्योता दिया था। लेकिन ये भी कहा था कि वह तुरंत नहीं बल्कि एक दिन बाद ले जाएंगे। जाहिर है कि सेना वहां से सबूत मिटाना चाहती थी। इसके अलावा जब मीडिया को जाने दिया तो मदरसे के क्षेत्र से काफी दूर तक ही जाने दिया गया। पाकिस्तानी मीडिया ने भी अपनी कई रिपोर्ट्स में इस बात का दावा किया है कि बालाकोट में भारतीय वायुसेना ने कार्रवाई की। हालांकि, उनकी मीडिया ने हर बार ये ही बताया कि वहां अधिक नुकसान नहीं हुआ है।

- न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स ने भी दावा किया था कि कई स्थानीय निवासियों ने इस बात की पुष्टि की थी उस मदरसे में जैश का आतंकी अड्डा है और भारतीय वायुसेना ने उन्हें निशाना बनाया। इस दौरान उन्हें बम धमाकों की आवाज़ भी सुनाई दी थी। कुछ पाकिस्तानी यूजर्स ने ट्विटर पर लिखा था कि 26 फरवरी के बाद उन्होंने बालाकोट में 10 एम्बुलेंस भी देखे थे। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ने स्थानीय निवासियों के हवाले से बताया था कि भारत की एयरस्ट्राइक के बाद पास के ही सैन्य अस्पताल और एबटाबाद के अस्पतालों में कई बेड रिजर्व कर दिए गए थे। हालांकि, किसी भी सरकारी पक्ष ने इस बात की पुष्टि करने से इनकार किया था।

- एयरस्ट्राइक के बाद जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर का एक ऑडियो सामने आया था। जिसमें उसने इस बात को कबूला था कि भारत के हमले में उनका बड़ा अड्डा तबाह हुआ है। हालांकि जो इस बात की पुष्टि करता है कि भारत के हमले से आतंकी सिहर गए हैं।

- पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र में भारत के खिलाफ बालाकोट में पेड़ों को नुकसान पहुंचाने को लेकर कार्रवाई कर रहा है। बता दें कि जैश का अड्डा जंगलों में था, जाहिर है कि अगर अड्डों पर हवाई हमले हुए थे तो वहां मौजूद पेड़ों पर भी असर हुआ ही था।

वही इसी बीच एक तस्वीर सामने आई है जिसमे साफ दिखाई दे रहा है कि बालाकोट में अभी भी जैश के 6 मदरसे बने हुए हैं। ये तस्‍वीर भारत की ओर से की गई एयर स्‍ट्राइक के छह दिन बाद जारी की गई है यानि चार मार्च की है। ब तक हमले वाली जगह की साफ तस्वीरें सार्वजनिक नहीं हुई थीं, लेकिन प्लैनेट लैब्स की ओर से जारी ये तस्वीरें काफी साफ हैं। रॉयटर्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, तस्‍वीरों में बालाकोट में बने जैश के मदरसों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ है। मदरसों की दीवारों को भी किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ है और उसके आसपास के पेड़ भी हरे-भरे दिखाई दे रहे हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के विदेश और रक्षा मंत्रालय को ईमेल के जरिए इन सैटेलाइट तस्वीरों पर सवाल पूछा गया है, लेकिन दोनों ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है।