
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के भीतर संगठनात्मक बदलाव और राजनीतिक सक्रियता का नया दौर शुरू हो चुका है। हाल ही में पार्टी से निष्कासित और फिर वापसी करने वाले आकाश आनंद को बसपा सुप्रीमो मायावती ने नई जिम्मेदारियों से नवाजा है। उन्हें पार्टी का मुख्य राष्ट्रीय समन्वयक (नेशनल कोऑर्डिनेटर) नियुक्त किया गया है, जो कि एक नवगठित पद है। इसके साथ ही उन्हें बिहार विधानसभा चुनावों के लिए स्टार प्रचारक भी बनाया गया है, जिससे साफ है कि पार्टी युवा नेतृत्व पर दांव लगाने को तैयार है।
प्रेस विज्ञप्ति में मायावती ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं की सहमति से यह फैसला लिया गया है और आशा जताई कि आकाश आनंद पूर्ण समर्पण और सावधानी से पार्टी को मजबूत करेंगे। यह नियुक्ति उस रणनीतिक बदलाव का हिस्सा है जिसमें बसपा अब नई ऊर्जा और सोच के साथ आगामी चुनावों में उतरने की तैयारी कर रही है।
संगठन में विस्तार और नई रणनीति की झलकबसपा ने संकेत दिए हैं कि वह आने वाले चुनावों में किसी भी गठबंधन पर निर्भर नहीं रहना चाहती। बिहार चुनावों के संदर्भ में पार्टी ने यह साफ कर दिया है कि वह अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी। इस फैसले से साफ है कि मायावती नेतृत्व अब बसपा को केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं रखना चाहती, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर एक सशक्त विकल्प के रूप में पेश करना चाहती हैं। आकाश आनंद जैसे युवा नेता की नियुक्ति इसी रणनीति का हिस्सा है, जो युवा मतदाताओं से सीधा संवाद बना सकते हैं।
BVF का पुनर्गठन: अनुशासन और मजबूती की ओर कदमबसपा ने संगठनात्मक स्तर पर एक और अहम घोषणा करते हुए बहुजन वॉलंटियर फोर्स (BVF) को पुनर्गठित करने की बात कही है। यह इकाई पहले भी पार्टी के कार्यक्रमों, जनसंपर्क अभियानों और चुनावी तैयारियों में अहम भूमिका निभा चुकी है। मायावती ने इसे एक बार फिर से सक्रिय करने की आवश्यकता जताई है ताकि जमीनी स्तर पर पार्टी का नेटवर्क सशक्त हो और कार्यकर्ताओं के बीच अनुशासन बना रहे। यह कदम विशेष रूप से ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में बसपा की पहुंच को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
आतंक के खिलाफ हो कड़ा मुकाबला- मायावतीइसके अलावा बसपा चीफ ने कहा कि आतंक के विरुद्ध ठोस व प्रभावी उपाय ज़रूरी ताकि देश के लोगों को यहां ज़बरदस्त महंगाई, अपार गरीबी, बेरोज़गारी व पिछड़ेपन आदि के त्रस्त जीवन से मुक्ति दिलाकर विकसित भारत की जन आकांक्षाओं की लक्ष्य प्राप्ति की ओर देश अपना ध्यान व संसाधन पूरी तरह से केन्द्रित कर सके।
बसपा चीफ ने कहा कि तथागत गौतम बुद्ध व बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर आदि की प्रतिमा के अनादर की समाज में द्वेष व वैमनस्य फैलाने वाली घटनायें राज्य सरकारें सख्ती से रोकें। बसपा द्वारा देश भर में पार्टी के कार्यक्रमों की व्यवस्था हेतु बहुजन वालन्टियर फोर्स (बीवीएफ) को पहले की तरह संगठित करने पर बल दिया गया।