
भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार तीन दिनों तक चले सैन्य संघर्ष के बाद शनिवार (10 मई) को सीजफायर समझौता हुआ। इस पर कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरहद के पास जिन भारतीय नागरिकों की जान गई है, उन्हें कांग्रेस पार्टी की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ और उनके परिवारों के प्रति संवेदनाएँ व्यक्त करता हूँ।
सचिन पायलट ने कहा, मैं भारतीय सेना के शौर्य को सलाम करता हूँ। भारतीय सेना ने एक बार फिर साबित किया कि वह दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में से एक है। पिछले 24 घंटों में घटनाक्रम बहुत तेजी से बदला और हम सभी को हैरानी हुई कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति ने की।
कांग्रेस महासचिव ने कही यह बड़ी बातसचिन पायलट ने आगे कहा, यह शायद पहली बार है कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया के माध्यम से सीजफायर की घोषणा की। जो उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, उस पर भी हमें ध्यान देना चाहिए। भारत और पाकिस्तान के बीच का मामला अंतरराष्ट्रीय बनाने का यह प्रयास बेहद आश्चर्यजनक है।
सचिन पायलट ने संसद में विशेष सत्र बुलाने की मांग की
सचिन पायलट ने संसद में विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग की। उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी लंबे समय से यह मांग करती आ रही है कि विशेष संसद सत्र बुलाया जाए। आपको याद होगा कि 1994 में कांग्रेस सरकार ने सर्वसम्मति से PoK को वापस लेने का प्रस्ताव पारित किया था। अब समय आ गया है कि हमें 1994 के प्रस्ताव को दोहराना चाहिए।
उन्होंने कहा, पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पूरे देश और विपक्ष से भारत सरकार को पूरा समर्थन मिला। हम पहले दिन से ही यह कह रहे थे कि यह हमारी आत्मा पर हमला है और इसका मुंहतोड़ जवाब देना जरूरी है। सेना ने जो कदम उठाए, हम उस पर गर्व महसूस करते हैं। सरकार को हमारी मांग सुननी चाहिए और एक विशेष संसद सत्र बुलाकर इस पर चर्चा करनी चाहिए ताकि पूरी दुनिया को यह संदेश जाए कि आतंकवाद और पाकिस्तान के दुस्साहस के खिलाफ पूरा देश एकजुट है।
कांग्रेस महासचिव ने सीजफायर पर भी उठाए सवाल
सचिन पायलट ने सीजफायर पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, अमेरिका का कहना था, 'यह हमारा काम नहीं है'... इसके बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और सचिव ने सबसे पहले घोषणा की कि सीजफायर हो रहा है। इसके बाद पाकिस्तान और भारत दोनों ने सीजफायर का ऐलान किया। इस मध्यस्थता को क्या भारत सरकार ने स्वीकार किया है? अमेरिका ने किन शर्तों पर इस प्रकार की घोषणा की है, यह एक बड़ा सवाल है। कश्मीर का भी इसमें जिक्र किया गया है।
उन्होंने आगे कहा, डिप्लोमेसी का अपना एक रोल है, लेकिन अगर इस प्रकार वॉशिंगटन से सीजफायर की घोषणा होती है, तो कई सवाल खड़े होते हैं। भारतीय थल सेना के पूर्व जनरल ने भी इस मुद्दे पर जो बातें कही हैं, उन्हें हमें गंभीरता से लेना चाहिए। सीजफायर की घोषणा के बाद बॉर्डर पर जो उल्लंघन हुए हैं, वह इसकी विश्वसनीयता को खत्म करता है।
सचिन पायलट बोले- 'किन शर्तों पर हुआ सीजफायर?'
सचिन पायलट ने कहा, पिछली सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री जी नहीं आ पाए थे, ऐसे में एक और सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए ताकि देश और विपक्ष को विश्वास मिले। बैठक में यह बात भी तय होनी चाहिए कि सीजफायर किन शर्तों पर हुआ है? यदि सीजफायर के बाद भी पाकिस्तान गोलाबारी कर रहा है तो उसकी विश्वसनीयता पर कब तक विश्वास किया जा सकता है? क्या यह गारंटी है कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा?