पाकिस्तान में पत्नी के कार्य को लेकर विवादों में घिरे गौरव गोगोई, बोले – 'मेरी पत्नी ने एक साल काम किया, मैं भी गया था'

नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अपनी पत्नी के पाकिस्तान कनेक्शन को लेकर उठ रहे राजनीतिक बवंडर पर पहली बार सार्वजनिक रूप से बयान दिया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा द्वारा उनकी पत्नी पर लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद गोगोई ने इसे एक सी-ग्रेड फिल्म की कहानी करार देते हुए खारिज किया है।

गौरव गोगोई ने साफ कहा कि उनकी पत्नी एक अंतरराष्ट्रीय जलवायु परियोजना के तहत 2013 में एक साल के लिए पाकिस्तान में काम करने गई थीं, और वे स्वयं भी उस दौरान उनके साथ कुछ समय के लिए गए थे। गोगोई ने बताया, मेरी पत्नी एक योग्य सार्वजनिक नीति विशेषज्ञ हैं और दक्षिण एशिया में जलवायु परिवर्तन पर काम करने वाली एक अंतरराष्ट्रीय पहल का हिस्सा रही हैं। उनका पाकिस्तान दौरा पूरी तरह पेशेवर था और उसमें कुछ भी संदिग्ध नहीं है।

सीएम का स्क्रिप्टेड हमला

गोगोई ने असम के मुख्यमंत्री पर पलटवार करते हुए कहा कि इस पूरे विवाद को आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए उछाला जा रहा है। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री इस मुद्दे को किसी थ्रिलर फिल्म की तरह पेश कर रहे हैं और अब इसकी 'रिलीज डेट' 10 सितंबर घोषित की जा रही है। मगर यह कहानी चलने वाली नहीं है, क्योंकि जनता सच्चाई जानती है।

उन्होंने सवाल किया कि यदि उनकी पत्नी या उन्होंने कोई भी गैरकानूनी कार्य किया होता, तो बीते 11 वर्षों में केंद्र या राज्य सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। गोगोई ने कहा, हमारा पासपोर्ट, वीज़ा, यात्रा विवरण – सब कुछ रिकॉर्ड में है। यदि कुछ भी आपत्तिजनक होता, तो सरकार अब तक क्यों चुप थी?

हिमंत शर्मा का पलटवार – यह तो बस शुरुआत है

इस बयान के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने गोगोई के ‘कबूलनामे’ को एक बड़ी सफलता करार दिया। उन्होंने दावा किया कि गोगोई न सिर्फ पाकिस्तान गए थे, बल्कि वे कथित तौर पर आईएसआई से जुड़ी गतिविधियों में भी शामिल रहे। शर्मा ने कहा, हमारे पास पुख्ता दस्तावेज हैं, जो दिखाते हैं कि गोगोई महज पर्यटक बनकर पाकिस्तान नहीं गए थे, बल्कि वह वहां प्रशिक्षण के लिए गए थे।

सीएम शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि गोगोई की पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न पाकिस्तान सरकार के एक प्रोजेक्ट में काम कर रही थीं और उनके पाकिस्तान और भारत के बीच 19 यात्राओं का रिकॉर्ड भी मौजूद है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच एक विशेष जांच दल (SIT) कर रहा है और 10 सितंबर को इससे जुड़े सबूत सार्वजनिक किए जाएंगे।

कांग्रेस का पलटवार – 'राजनीतिक बदले की कार्रवाई'


कांग्रेस पार्टी ने मुख्यमंत्री पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि यह पूरा विवाद एक साज़िश का हिस्सा है, ताकि गोगोई जैसे मुखर विपक्षी नेता को चुप कराया जा सके। पार्टी नेताओं ने आरोप लगाया कि बीजेपी असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। गोगोई ने भी कहा कि अगर सरकार के पास कोई ठोस सबूत हैं तो वह जांच में पूरा सहयोग करेंगे, लेकिन अगर यह सब झूठ साबित हुआ, तो मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।

विवाद की जड़


इस विवाद की शुरुआत फरवरी 2025 में हुई थी, जब भाजपा प्रवक्ताओं और खुद मुख्यमंत्री शर्मा ने दावा किया कि गोगोई की पत्नी ने पाकिस्तान के संगठन LEAD पाकिस्तान में काम किया, जिसके संस्थापक पर आईएसआई से संबंध के आरोप हैं। भाजपा का कहना है कि गोगोई ने पाक उच्चायोग से नजदीकी भी दिखाई और संसद में सेना से जुड़े सवाल उठाए थे।

जैसे-जैसे असम विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, यह मामला और गर्माता जा रहा है। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर तीखे हमले कर रहे हैं। जहां एक ओर भाजपा इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे राजनीति से प्रेरित बदले की कार्रवाई करार दे रही है। 10 सितंबर को SIT की रिपोर्ट सामने आने के बाद तस्वीर और साफ हो सकती है।