ईरान में एक ही परिवार के 3 भारतीय लापता, 1 करोड़ की फिरौती, दूतावास की तत्काल कार्रवाई की मांग

ईरान की राजधानी तेहरान से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक ही परिवार के तीन भारतीय नागरिक रहस्यमय तरीके से लापता हो गए हैं। इस घटना के सामने आने के बाद तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए ईरानी अधिकारियों के समक्ष उठाया है और त्वरित कार्रवाई की मांग की है।

ये तीनों लोग पंजाब के बताए जा रहे हैं। इनकी पहचान हुशनप्रीत सिंह (संगरूर), जसपाल सिंह (एसबीएस नगर) और अमृतपाल सिंह (होशियारपुर) के रूप में हुई है। परिवार का दावा है कि ये तीनों 1 मई को ईरान पहुंचे थे और उसी दिन से लापता हैं। परिवारों ने यह भी आरोप लगाया है कि उन्हें 1 करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की गई है।

भारतीय दूतावास ने बुधवार को माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर बताया कि तीनों लापता व्यक्ति एक ही परिवार से संबंधित हैं और ईरान यात्रा के दौरान उनका अचानक संपर्क टूट गया था। इसके बाद से उनका कोई सुराग नहीं लग पाया है।

दूतावास लगातार परिजनों के संपर्क में

दूतावास की ओर से कहा गया है कि संबंधित परिवारों ने उन्हें सूचना दी थी कि उनके परिजन ईरान पहुंचने के बाद से लापता हैं। यह मामला तत्काल ईरानी प्रशासन के समक्ष गंभीरता से उठाया गया है।

पोस्ट में लिखा गया, “हमने ईरानी अधिकारियों से आग्रह किया है कि लापता भारतीय नागरिकों की शीघ्र तलाश की जाए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। हम पीड़ित परिवारों को लगातार प्रयासों की जानकारी दे रहे हैं।”

अभी तक कोई ठोस जानकारी नहीं

हालांकि, भारतीय मिशन ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि तीनों भारतीय नागरिक कब और कहां लापता हुए थे। दूतावास ने केवल यह पुष्टि की है कि उनके संपर्क में आए परिवारों ने ईरान में मौजूद अपने तीन परिजनों के अचानक लापता होने की जानकारी दी है।

फिरौती और अपहरण की अटकलें

इस मामले में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लापता लोगों के परिजनों को एक करोड़ रुपये की फिरौती की मांग भी की गई है। हालांकि, इन दावों की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

परिवारों का यह भी कहना है कि युवकों को ऑस्ट्रेलिया भेजने के झांसे में एक एजेंट ने ईरान बुलाया था, जिसके बाद से वे लापता हैं।

अवैध तरीके से ऑस्ट्रेलिया भेजने का वादा

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, तीनों युवक पंजाब से ईरान गए थे। परिवार वालों का दावा है कि उन्हें एक एजेंट ने ऑस्ट्रेलिया भेजने का वादा किया था। इसके तहत ही वे 1 मई को तेहरान पहुंचे थे। लेकिन उसी दिन वे रहस्यमय तरीके से लापता हो गए। परिवारों ने आरोप लगाया है कि युवकों को अगवा कर लिया गया है और उन्हें अज्ञात लोगों की ओर से 1 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई है। हालांकि, इन दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है। भारतीय दूतावास की सक्रियता के बाद अब निगाहें ईरानी अधिकारियों की जांच पर टिकी हैं।

नजरें अब ईरानी जांच एजेंसियों पर

इस घटना ने विदेश में रह रहे भारतीयों की सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब सबकी निगाहें ईरान की जांच एजेंसियों पर टिकी हैं कि वे इन भारतीय नागरिकों का पता लगाने में कितनी जल्दी और गंभीरता से कार्रवाई करती हैं।